Now every child above 6 years of age will get corona vaccine

नई दिल्ली,26 अप्रैल (आरएनएस)।अब 6 साल से ऊपर के हर बच्चे को लगेगी कोरोना की वैक्सीन.  ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने 6-12 साल की उम्र के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इस फैसले को देश के टीकाकरण अभियान में इसलिए इतना बड़ा और खास माना जा रहा है क्योंकि इससे स्कूल जाने वाले बच्चों को लाभ होगा। क्योंकि अभी तक केवल 12 साल या इससे अधिक उम्र के बच्चों को ही कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लग रही थी। ऐसे में अब 6 साल से अधिक उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन का लाभ मिलेगा, जिससे उनके वायरस की चपेट में आने की चिंता भी खत्म हो जाएगी।

भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 में की गई थी। टीकाकरण के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगी थी। फ्रंटलाइन पर काम करने वालों के लिए 2 फरवरी से टीकाकरण शुरू हुआ था, जबकि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और को-मॉर्बिलिटी वाले 45 साल से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण 1 मार्च से शुरू हुआ था। इसके बाद 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण शुरू हुआ। टीकाकरण अभियान में सभी वयस्कों को 1 मई से शामिल किया गया था। भारत में 21 अक्टूबर तक कोरोना वायरस की एक करोड़ वैक्सीन डोज लग चुकी थीं।

15-18 साल के बच्चों का टीकाकरण

इस साल 3 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्चों के टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई। इस श्रेणी में भी भारत पहले ही एक करोड़ वैक्सीन डोज का आंकड़ा पार कर चुका है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के अलावा डीसीजीआई ने स्पूतनिक वी, मॉडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन की जनसीन वैक्सीन, जायडस कैडिला की जायकोवि-डी, कोर्बेवैक्स और कोवोवैक्स को भी मंजूरी दी है। अभी तक 1,00,10,97,348 नागरिकों को वैक्सीन लग गई है। इनमें से 85,23,56,087 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग गई है।

फिर से बढ़ रहे कोविड-19 के मामले

कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। वो भी ऐसे वक्त में जब बच्चों के लिए स्कूलों को खोल दिया गया है। कोरोना वायरस से संबंधित उपाय अपनाए जाने के बावजूद कई स्कूलों से खबर आई है कि वहां शिक्षक और छात्र वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इससे उन छोटे बच्चों के अभिभावक भी चिंता में पड़ गए, जो वैक्सीन लगवाने के योग्य नहीं हैं। इस बीच डीसीजीआई के इस फैसले से इन छोटे बच्चों को भी वैक्सीन लग सकेगी, ताकि इन्हें भी वायरस के खिलाफ सुरक्षा मिल सकेगी। साथ ही उनकी पढ़ाई भी अब आगे और प्रभावित नहीं होगी।

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