कांग्रेस ने भी शुरू की चुनावी तैयारी. भारतीय जनता पार्टी एक चुनाव खत्म होने के साथ ही दूसरे चुनाव की तैयारी में जुट जाती है। तभी उत्तर प्रदेश और पांच राज्यों के चुनाव खत्म होते ही भाजपा के नेता उन राज्यों में चुनाव की तैयारी में जुट गए, जहां इस साल के अंत में या अगले साल चुनाव होने वाले हैं। अमित शाह ने नतीजों का भी इंतजार नहीं किया और त्रिपुरा गए। नरेंद्र मोदी ने नतीजों के तुरंत बाद गुजरात में रोड शो किया।
नतीजों के साथ ही राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक गुजरात में हुई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश के दौरे पर गए और आम आदमी पार्टी के लगभग पूरे संगठन को भाजपा में शामिल करा लिया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई को दिल्ली बुलाया गया और राजकाज पर ध्यान देने की नसीहत दी गई।भाजपा से उलट कांग्रेस का चुनाव अभियान आमतौर पर चुनाव की घोषणा के बाद ही शुरू होता रहा है।
लेकिन इस बार कांग्रेस ने भी पांच राज्यों में चुनाव हारने के तुरंत बाद अगले एक साल में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुट गई। राहुल गांधी कर्नाटक गए और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार व पूर्व अध्यक्ष सिद्धरमैया को साथ लेकर एकजुटता का संदेश दिया। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक कार्यक्रम में पार्टी के लिए अगले साल के चुनाव में डेढ़ सौ सीट जीतने का लक्ष्य तय किया। कर्नाटक में कांग्रेस ने एक साल पहले चुनाव का बिगुल बजा दिया है।इसी तरह गुजरात की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हार्दिक पटेल के चुनाव लडऩे पर लगी रोक हटने के बाद कांग्रेस का उत्साह बढ़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दो साल की सजा पर रोक लगा दी है, जिसके बाद उनके चुनाव लडऩे का रास्ता साफ हो गया है। हार्दिक पटेल के अलावा कांग्रेस पार्टी लेउवा पटेल समुदाय के नेता नरेश पटेल को भी पार्टी में शामिल कराने के प्रयास में है। हालांकि भाजपा के पटेल मुख्यमंत्री के मुकाबले हार्दिक या नरेश पटेल प्रदेश की इस ताकतवर जाति को कितना कांग्रेस के साथ जोड़ पाएंगे, यह नहीं कहा जा सकता। जो हो कांग्रेस गुजरात में भी चुनाव की तैयारियों में लगी है।
ऐसे ही हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस की चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पिछले दिनों हिमाचल कांग्रेस के नेता दिल्ली में राहुल गांधी से मिले और चुनावी तैयारियों पर चर्चा हुई। वीरभद्र सिंह के निधन की वजह से पार्टी को वहां नया नेतृत्व आगे करने की चुनौती है। उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कुछ अहम जिम्मेदारी मिल सकती है। पार्टी कोई एक चेहरा आगे नहीं करेगी लेकिन मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खु, कौल सिंह ठाकुर आदि नेताओं की सामूहिक कमान बनाई जा रही है।
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