Gujarat government should give increased compensation to those who lost land in Narmada project

*नर्मदा परियोजना  – सुप्रीम कोर्ट का निर्देश*

नई दिल्ली,18 अगस्त (एजेंसी)। सुप्रीम कोर्ट ने एक ताजा फैसले में गुजरात सरकार को उन भूस्वामियों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिनकी जमीनें नर्मदा परियोजना की वडोदरा शाखा नहर के लिए अधिग्रहीत की गई थीं।

न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने देय मुआवजे को कम करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया।

वड़ोदरा जिले के वाघोडिया तालुका के मोरलीपुरा, कुमेथा और निमेटा गांवों की भूमि परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी और भूमि अधिग्रहण अधिकारी ने भूमि के बाजार मूल्य की गणना 1.90 रुपये प्रति वर्ग मीटर की थी।

बाद में मई 2007 में संदर्भ न्यायालय ने यह निष्कर्ष निकालते हुए मुआवजे की राशि बढ़ा दी कि भूमि का बाजार मूल्य 40 रुपये प्रति वर्ग मीटर माना जाना चाहिए। राज्य ने इसे उच्च न्यायालय के समक्ष अपील में भी लागू किया, जहां उसे सफलता मिली।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारे जैसे कल्याणकारी राज्य में, जहां हमने सभी नागरिकों को सामाजिक और आर्थिक न्याय का वादा किया है, यह उचित और निष्पक्ष होगा यदि अपीलकर्ताओं के साथ अन्य प्रभावित भूमि मालिकों जैसा व्यवहार किया जाए।

शीर्ष अदालत ने आदेश दिया, अपीलकर्ता जितनी भी राशि के हकदार हैं, उन्हें अब तक प्राप्त राशि को घटाकर 10 मई 2007 से 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज के साथ 90 दिन के भीतर उन्हें भुगतान किया जाए।

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