Son gave life to his father, donated a part of his liver

लखनऊ 10 Aug. (एजेंसी): एक बेटे ने अपने पिता को जीवनदान देते हुए उन्‍हें अपनेे लीवर का एक हिस्सा दान में दिया। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। इस लीवर ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च सरकार ने उठाया। 13 जुलाई को डॉक्टरों ने लीवर ट्रांसप्लांट का सफल ऑपरेशन किया। मरीज को ऑपरेशन के बाद बुधवार को छुट्टी दे दी गई।

ऑपरेशन के लिए परिवार को सरकार से भी पूरा समर्थन मिला। इस प्रत्यारोपण से जुड़े खर्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से जारी किया गया था। डॉक्टरों के अनुसार इंदिरा नगर निवासी एक दुकानदार रवि केशरवानी (47) लीवर सिरोसिस से पीड़ित थे। बेटे सुकेश केशरवानी ने अपने लीवर का एक हिस्‍सा पिता को देकर उनका जीवन बचाया।

यह ट्रांसप्लांट प्रक्रिया 10 घंटे तक चली। इसमें डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ सहित 40 से अधिक सदस्यों की एक टीम ने काम किया। सर्जरी करने वाले केजीएमयू में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा ने कहा कि भारत में हर साल लगभग 2,000 लीवर प्रत्यारोपण किए जाते हैं, यह ज्यादातर निजी अस्पतालों में किए जाते है, जिनमें 30 से 40 लाख रुपये तक का खर्चा आता है।

हालांकि, राज्य सरकार का संस्थान होने के कारण केजीएमयू ने इसे घटाकर 10 लाख रुपये कर दिया है। केजीएमयू राज्य में लीवर प्रत्यारोपण और अंग दान में सबसे आगे है। यह सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहा है। अंग दान के लिए राज्य का पहला ग्रीन कॉरिडोर तब बनाया गया जब 28 अगस्त 2015 को एक लीवर ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली ले जाया गया। दिल्ली में 22 लीवर ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। इसके अलावा, एसजीपीजीआईएमएस और केजीएमयू ने 48 किडनी और 50 से अधिक कॉर्निया का ट्रांसप्लांट किया है। केजीएमयू में पहला लीवर प्रत्यारोपण 2019 में किया गया था। तब से कुल 25 लीवर प्रत्यारोपण किए गए हैं।

इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के कर्मचारियों को 25वें सफल लीवर ट्रांसप्लांट पर बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने 13 जुलाई 2023 को 25वां लीवर ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया, जो लीवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व मील का पत्थर है। उन्होंने केजीएमयू की सराहना करते हुए स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय चिकित्सा जगत में विशेष स्थान रखता है।

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