Rohingya family absconded in the dark of night, police had no idea, 10 members were caught on July 24

मेरठ ,30 जुलाई (एजेंसी)। मेरठ के खरखौदा में पांच दिन पहले खरखौदा के अल्लीपुर से पकड़ा गया रोहिंग्या परिवार रात के अंधेरे में घर का ताला लगाकर फरार हो गया। परिवार के छह सदस्यों ने शरणार्थी यानी यूएनएचसीआर (यूनाइटेड नेशनल हाई कमिश्नर फोर रिफ्यूजी) कार्ड दिखा दिया था, जबकि बाप-बेटे समेत चार लोगों को 31 जुलाई तक कार्ड दिखाने के लिए कहा गया था। इससे पहले ही पूरा परिवार फरार हो गया। जिस तरीके से यह परिवार रात के अंधेरे में फरार हुआ है, उससे यह शक के घेरे में है।

कहां गया परिवार, किसी को नहीं पता

आसपास के लोगों के अनुसार 24 जुलाई को जिस समय एटीएस ने 17 घंटे तक पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था, तभी से पूरा परिवार तनाव में था। पुलिस कार्रवाई के डर से 26 जुलाई को रात के समय यह परिवार अपना जरूरी सामान लेकर वहां से फरार हो गया।

वहां किराये पर रहने वाले अन्य लोगों ने सुबह के समय ताला लगा देखा। उस समय सभी ने सोचा कि परिवार कहीं किसी काम से गया होगा, लेकिन तीन दिन तक भी परिवार के नहीं लौटने पर पुलिस को जानकारी दी गई। मकान मालिक से लेकर किसी को भी यह पता नहीं है कि परिवार कहां गया।

यह उठ रहे सवाल

पहला सवाल यह है कि जब छह लोगों के पास कार्ड मिल गए थे तो चार के पास कार्ड क्यों नहीं मिले। यदि उनके कार्ड खो भी गए थे तो उसका कोई तो सबूत पुलिस को दिखा सकते थे। दूसरा सवाल यह है कि जब चार लोगों को कार्ड दिखाने के लिए समय दिया गया तो उन पर पुलिस ने नजर क्यों नहीं रखी।

आखिरकार सभी को चकमा देकर पूरा परिवार कैसे फरार हो गया। तीसरा और अहम सवाल यह है कि फरार होने के बाद भी अभी तक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराई गई।

24 जुलाई को एटीएस मेरठ और मुरादाबाद की टीम ने अल्लीपुर गांव नसीम के मकान पर छापा मारा था। यहां म्यांमार के मोंडू जिला निवासी मूसा कलीम अपने परिवार के 10 सदस्यों के साथ किराये पर रहता था।

रोहिंग्या परिवार के छह सदस्यों ने यूएनएचसीआर कार्ड दिखा दिया था, जबकि चार लोगों के पास कार्ड नहीं था। ऐसे में उन्हें कार्ड दिखाने के लिए 31 जुलाई तक का समय दिया गया था।

परिवार करीब 12 साल से यहां किराये पर रह रहा था। कई वर्ष तक पूर्व प्रधान के मकान में भी रहा। एक माह पहले यह परिवार नसीम के मकान में किराये पर रहने के लिए आ गया था। परिवार के कई सदस्य मीट फैक्ट्रियों में काम करते थे।

इस मामले की जानकारी मिली है। उच्च अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों को भी इससे अवगत करा दिया गया है। पूरे परिवार की तलाश की जा रही है। – राजीव कुमार, एसओ खरखौदा

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