छत्रपति संभाजीनगर , 22 जुलाई (एजेंसी)। महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र को पिछड़े क्षेत्र के रूप में जाना जाता है जहां अभी भी पूरे क्षेत्र में जल संसाधनों के भरने के लिए भारी बारिश का इंतजार है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक नांदेड़ जिले को छोड़कर बाकी सात जिलों में अब तक औसत बारिश भी नहीं हुई है। मराठवाड़ा में आठ जिले आते हैं।
संभागीय आयुक्त और आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक जून से अब तक इस संभाग में औसतन 229 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जो इस वर्ष औसत बारिश से कम है और क्षेत्र में 88 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गयी है। मराठवाडा के आठ जिलों में से उस्मानाबाद जिले में सबसे कम 168 मिमी बारिश हुई है। नांदेड़ में सबसे अधिक 327 मिमी बारिश हुई है। इसके बाद हिंगोली में 277 मिमी, लातूर में 241 मिमी, परभणी में 208 मिमी, जालना में 204 मिमी और छत्रपति संभैजनगर जिले में 202 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
इस बीच, जल संसाधन विभाग के गोदावरी मराठवाड़ा सिंचाई निगम ने जानकारी दी है कि मराठवाड़ा में ग्यारह प्रमुख परियोजनाओं में औसतन 35.27 प्रतिशत जल भंडार शेष है।
सबसे बड़े बांधों में से एक जयकवाड़ी जिसे मराठवाड़ा क्षेत्र की जीवन रेखा के रूप में जाना जाता है। यह पड़ोसी जिलों नासिक और अहमदनगर में स्थित अपस्ट्रीम (ऊपरी धारा) बांधों के बाढ़ के पानी पर निर्भर करता है, यहां भी इस मानसून के मौसम में भारी बारिश नहीं हुई। कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार कृषि के लातूर संभाग इसमें शामिल हैं।
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