चंडीगढ़ 08 Jully (एजेंसी)-पंजाब सरकार राज्य में पोषण अभ्यान के अंतर्गत कुपोषण और अनीमिया के ख़ात्मे के लिए 12 जुलाई से 12 अगस्त, 2023 तक विशेष जागरूकता माह मनाने जा रही है। इस संबंधी जानकारी देते हुए सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पहले ही अनीमिया के साथ लड़ने के लिए हर बुधवार को आंगणवाड़ी केन्द्रों में अनीमिया दिवस मनाया जाता है। यह महिलाओं, किशोर लड़कियों, दूध पिलाने वाली माताओं और गर्भवती महिलाओं में अनीमिया के बुरे प्रभावों के बारे जागरूकता पैदा करता है।
अनीमिया के ख़ात्मे के लिए राज्य भर में 12 जुलाई से 12 अगस्त, 2023 तक विशेष मुहिम चलाई जा रही है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि यह मुहिम स्वस्थ खाने-पीने की आदतों को उत्साहित करने, स्वास्थ्य विभाग के साथ मिल कर पौष्टिक पूरक मुहैया करवाने और मानक सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली की क्षमता को मज़बूत करने पर केंद्रित होगी। डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर. बी. ऐस. के.) के सहयोग के साथ लोगों को अनीमिया की रोकथाम और इलाज के बारे जागरूक करने के लिए नियमित तौर पर अलग-अलग जागरूकता गतिविधियां करवाई जाती हैं।
मंत्री ने बताया कि मुहिम के दौरान, विभाग लोगों को अनीमिया के लक्षणों, कारणों, नतीजों और समय पर डॉक्टरी देखभाल की महत्ता और लक्ष्य के बारे जागरूक करने के लिए आंगणवाड़ी केन्द्रों और मोहल्ला क्लीनिकों में सेहत कैंप, रैलियाँ और अन्य समागमों का आयोजन करेगा। इस मुहिम का उद्देश्य मौजूदा वित्तीय साल में अनीमिया को 2 प्रतिशत तक घटाना है। डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि अनीमिया एक ऐसी स्थिति है जो ख़ून में लाल रक्ताणूओं या हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होती है, जिससे कमज़ोरी, थकावट और अन्य सेहत सम्बन्धी समस्याएँ होती हैं। बच्चों और अन्यों में यह एक लोक सेहत चिंता है, क्योंकि यह उनके शारीरिक और बोधात्मक विकास को प्रभावित करता है, जिससे बुरे शैक्षिक और आर्थिक नतीजे निकलते हैं।
इसके इलावा सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास निदेशक श्रीमती माधवी कटारिया ने समूह डिप्टी कमिश्नरों ( डी. सी.) को पत्र लिख कर मुहिम के दौरान किये जाने वाली सुझाव गतिविधियों की सूची भी दी है। डिप्टी कमिश्नर अनीमिया के ख़ात्मे के लिए माता-पिता, अध्यापकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों, और सामाजिक नेताओं समेत सभी हिस्सेदारों के मेल को यकीनी बनाएंगे।
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