नई दिल्ली 27 जून,(एजेंसी)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाईन अब सीएजी की जांच के दायरे में है। केजरीवाल के आवास में हुए रेनोवेशन पर खर्च की गई रकम का ऑडिट किया जाएगा। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने केजरीवाल के आवास निर्माण का सीएजी से जांच कराने को मंजूरी दी है।
केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन पर करोड़ों रुपये खर्च करने और उसमें गड़बड़ी करने के आरोप लगते रहे हैं। जिसके बाद अब इन वित्तीय गड़बडिय़ों की जांच सीएजी के द्वारा किया जाएगा। सीएजी इसके हर पहलू पर जांच करेगी। इसमें प्रशासनिक और वित्तीय गड़बड़ी की जांच भी शामिल है। उपराज्यपाल ने गृहमंत्रालय को खत लिखकर सिफारिश की थी कि केजरीवाल के घर के रेनोवेशन में हुए खर्च की जांच कराई जाए। बता दें कि पहले उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव को केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन को लेकर जांच कर रिपोर्ट सौंपने मांगा था। बताया जा रहा है कि इसी रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय से सिफारिश की थी कि केजरीवाल के आवास निर्माण का सीएजी से ऑडिट कराया जाए। उपराज्यपाल की सिफारिश पर गृहमंत्रालय की मंजूरी मिल गई है।
बीजेपी और कांग्रेस लगातार यह आरोप लगा रही थी कि अरविंद केजरीवाल के बंगले के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च किये गये हैं और इसमें गड़बड़ी की गई है। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किये गये थे तो वहीं कांग्रेस इस खर्च को इससे भी ज्यादा बता चुकी है। दोनों ही पार्टियों ने दिल्ली के उपराज्यपाल को चि_ी लिखकर उनसे यह मांग की थी कि केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन में हुए खर्च की जांच की जाए। अरविंद केजरीवाल के आवास निर्माण में गड़बड़ी को लेकर कई तरह के आरोप अब तक लग चुके हैं। एक आरोप यह भी है कि सीएम केजरीवाल के बंगले के पुराने ढांचे को बिना सर्वे कराए ही ढहा दिया गया। यह भी आरोप है कि उन भवनों को भी तोड़ा गया जिसकी मंजूरी नहीं ली गई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने सीएम के घर के खर्ज को लेकर एलजी को एक रिपोर्ट सौंपी थी। कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में कुल 52.71 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की बात सामने आई है। इसमें केजरीवाल के घर और उनके ऑफिस दोनों का खर्च शामिल है।
विपक्षी पार्टियां आऱोप लगाती आई हैं कि केजरीवाल के बंगले पर सितंबर 2020 से जून 2022 तक के बीच करोड़ों रुपये खर्च किये गये। महंगे मार्बल, पर्दों और इंटीरियर डेकोरेशन के जरिए घर को सजाया गया। बीजेपी इसे ‘शीशमहलÓ बताकर तंज कसती रही है। आम आमदी पार्टी के विरोधियों का यह भी दावा रहा है कि जिस वक्त दिल्ली में कोरोना ना हाहाकार मचा रखा था और अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी थी उसी वक्त सीएम अपने आवास का रेनोवेशन करा रहे थे। यह भी आरोप लगे कि रेनोवेशन को लेकर अलग-अलग किस्तों में पैसे खर्च किये गये हैं।
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