Navy pilots made a daring flight amid monsoon in Kerala, saved the life of the girl by fighting the storm

तिरुवनंतपुरम 24 June (एजेंसी)- अरब सागर के पास शहर में मानसून में तेज तूफान के बीच भारतीय वायु सेना ने अभियान चलाकर एक दो साल की बच्ची को बचाने में सफलता की उड़ान भरी। दरअसल, दो साल की एक बच्ची गंभीर रूप से बीमार थी। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती किए जाने की आवश्यकता थी। तभी, भारतीय नौसेना के पायलट देवदूत बनकर सामने आए और उन्होंने उसे बचाने के लिए साहसिक अभियान चलाया। बच्ची को देर रात डोर्नियर विमान के जरिए लक्षद्वीप के अगत्ती द्वीप से केरल के कोच्चि शहर लाया गया।

बच्ची को एस्पिरेशन निमोनिया है। जिस कारण उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही थी और ज्वर के दौरे पड़े थे। उसके साथ उसकी मां, चाचा और एक मेडिकल डॉक्टर भी थे। उसे एर्नाकुलम के मेडिकल ट्रस्ट अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया कि बच्ची को आईसीयू में भर्ती कराया गया है और उसका रक्तचाप गिरने के कारण उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। एक रक्षा सूत्र ने बताया कि कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) के मुख्यालय में बुधवार शाम फैक्स मिला। इसमें केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन के अनुरोध पर लक्षद्वीप में एक नौसेना अधिकारी से चिकित्सा निकासी के लिए सहायता मांगी गई थी। इसके बाद नौसेना ने तुरंत चिकित्सा निकासी मिशन शुरू किया। कोच्चि से उड़ान भरने वाला विमान एक घंटे से ज्यादा समय बाद अरब सागर में तटीय शहर से 450 किलोमीटर पश्चिम में स्थित अगत्ती हवाई क्षेत्र में उतरा। इसके बाद डोर्नियर ढाई साल की बच्ची को लेकर कोच्चि लौटा और करीब तीन घंटे का मिशन पूरा करते हुए रात 9 बजकर 50 मिनट पर कोच्चि पहुंचा। बच्ची को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।

एक रक्षा विज्ञप्ति में कहा गया, मरीज को अगत्ती द्वीप से एयरलिफ्ट किया गया था। मौजूदा मानसून के कारण चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति थी। ऐसे में आईएनएस गरुड़ के डोर्नियर द्वारा बच्ची कोच्चि ले जाया गया। बच्ची को तुरंत कोच्चि के एक सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया और उसकी हालत में सुधार हो रहा है।

नौसेना के एक अधिकारी से जब खराब मौसम में जोखिम भरे मिशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, पायलटों के लिए मानसून का मौसम हमेशा चुनौती भरा होता है। हम इसी के लिए प्रशिक्षित हैं।’ बच्ची के पिता सुलेमान ने मदद के लिए लक्षद्वीप प्रशासन और भारतीय नौसेना का आभार जताया। रक्षा सूत्र ने कहा कि रात के अभियानों के लिए अगत्ती हवाई क्षेत्र को संचालित करने की दिशा में चल रहे प्रयासों ने त्वरित मानवीय सहायता और हताहतों को निकालने के मिशन का मार्ग प्रशस्त किया है। पिछले साल अक्तूबर में अगत्ती एयरफील्ड में सफल रात्रि परीक्षण किया गया था।

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