Animal rescue organization searched from Google to save the bird, 1 lakh flew away from the account

नई दिल्ली 27 May, (एजेंसी): क्या हो अगर आप किसी की मदद के लिए कोई काम करें और वही काम आपके लिए मुसीबत बन जाए। ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई की एक 30 वर्षीय महिला के साथ जिन्होंने एक घायल पक्षी को बचाने के प्रयास में करीब 1 लाख रुपये गंवा दिए। ऐसा पक्षी के इलाज के दौरान नहीं हुआ बल्कि पीड़िता साइबर फ्रॉड का शिकार हो गईं। साइबर फ्रॉड का यह मामला ध्वनि मेहता नामक 30 वर्षीय महिला के साथ हुआ है।

यह घटना 17 मई की है। ध्वनि एक अतंरराष्ट्रीय फिल्म स्टूडियो की कर्मचारी हैं। सुबह वह अपने काम पर जा रही थीं तभी उन्होंने एक पक्षी को घायल देखा। उन्होंने उसकी मदद करनी चाही और गूगल पर एनिमल रेस्क्यू संगठन सर्च किया। उन्होंने एक animalrescueteam.com नाम से एक वेबसाइट मिली। यहां से उन्हें एक नंबर मिला और उन्होंने उस पर कॉल किया। सामने से ध्वनि को बताया गया कि मदद उनके पास जल्द ही पहुंच जाएगी। इससे पहले उन्हें एक फॉर्म भरना होगा।

उनसे कहा गया कि फॉर्म भरने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए 1 रुपये की पेमेंट करनी होगी। ध्वनि ने ऐसा ही किया। उनसे फिर कहा गया कि बस टीम आपके पास पहुंचती ही होगी। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ। पूरे दिन वहां कोई नहीं आया। ध्वनि शाम को जब ऑफिस से काम कर के वापस घर के लिए निकली तो उन्हें फोन पर मैसेज मिला कि उनके अकाउंट से 99,988 रुपये कट चुके हैं। ध्वनि के साथ जो हुआ उस पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ।

ध्वनि ने इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर दी है। पुलिस के अनुसार, उन्होंने अनजाने में अपना यूपीआई पिन ठगों को सौंप दिया था। उन्होंने फॉर्म भरने के दौरान ही यह गलती की थी। इस मामल में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की घारा 419, 420 और 465 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही आईटी एक्ट के प्रावधानों के तहत भी मामला दर्ज हुआ है।

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