Approval of new changes in uniform, now brigadiers and upper rank officers in the Indian Army will wear the same uniform

नई दिल्ली 09 May, (एजेंसी): भारतीय सेना के अधिकारियों की यूनिफार्म में नए बदलावों को मंजूरी दी गई है। इस मंजूरी के अंतर्गत इसी साल अगस्त से सेना में ब्रिगेडियर और उनसे ऊपर के रैंक के सभी अधिकारी एक समान वर्दी पहनेंगे। यह वर्तमान में विभिन्न सैन्य अधिकारी अपनी संबंधित रेजिमेंट को दर्शाने वाली अलग-अलग यूनिफॉर्म पहनते हैं। हालांकि कर्नल रैंक और उससे नीचे के अधिकारियों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

सेना की यूनिफार्म में किए जा रहे इस महत्वपूर्ण बदलाव का अर्थ यह है कि ब्रिगेडियर पद पर पहुंचने के उपरांत पैरा अधिकारी अब मैरून रंग की टोपी नहीं पहनेंगे और न ही बख्तरबंद अधिकारी अपनी विशिष्ट बेल्ट पहनेंगे। जानकारी के मुताबिक फ्लैग रैंक यानी ब्रिगेडियर और उनसे ऊपर के अधिकारियों के हेडगियर, शोल्डर रैंक बैज, गॉर्जेट पैच, बेल्ट और जूते अब मानकीकृत और एक समान होंगे। जानकारी के मुताबिक इसके अलावा फ्लैग -रैंक के अधिकारी भी अब डोरी नहीं पहनेंगे।

गौरतलब है कि पिछले महीने इस प्रकार के महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली सेना कमांडरों की बैठक आयोजित की गई थी। इसी दौरान विचार-विमर्श और सभी हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है।

इस निर्णय के यह तर्क दिया गया है कि भारतीय सेना में इससे ब्रिगेडियर और उच्चतर रैंक वाले अधिकारी के लिए यह यूनिफार्म सेना के लोकाचार को दशार्ते हुए सभी वरिष्ठ रैंक के अधिकारियों के लिए एक सामान्य पहचान सुनिश्चित करेगी। गौरतलब है कि विभिन्न प्रकार की वर्दी और साज-सज्जा का भारतीय सेना में संबंधित शस्त्रों, रेजिमेंटों और सेवाओं से विशिष्ट संबंध है।

वहीं अधिकारियों का यह भी मानना है कि आर्म्स या रेजिमेंट या सर्विसेज के भीतर विशिष्ट पहचान के साथ यह पहचान जूनियर लीडरशिप और रैंक और फाइल के लिए आवश्यक है, ताकि भाईचारा, एस्प्रिट डे कॉर्प्स और रेजिमेंटल लोकाचार को और मजबूत किया जा सके, जो कि सैनिकों की आधारशिला है। यूनिट या बटालियन स्तर पर, पहचान की एक अलग भावना एक ही रेजिमेंट में अधिकारियों और पुरुषों के बीच एक मजबूत बंधन को दर्शाती है।

हालांकि जब एक बार एक अधिकारी ब्रिगेडियर बन जाता है, तो वह वरिष्ठ अधिकारियों के सामान्य पूल में आ जाता है। उदाहरण के लिए, एक सामान्य अधिकारी या इंजीनियरों में से कोई वास्तव में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड या एक डिवीजन को कमांड कर सकता है।

सेना ने पिछले साल अपने सभी जवानों के लिए नई डिजिटल प्रिंट वाली कॉम्बैट यूनिफॉर्म पेश की थी। इसमें पिछली शैली के विपरीत, शर्ट में कोई टकिंग नहीं है। पतलून में भी सिपाही की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जेब होती हैं। कपड़े के लिए चुनी गई सामग्री को हल्का लेकिन मजबूत व और गर्मी और सर्दी दोनों के लिए उपयुक्त है।

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