Government did not respond on the sale of adulterated milk and food items, the High Court expressed deep displeasure

रांची 28 April, (एजेंसी): झारखंड हाईकोर्ट ने मिलावटी दूध और खाद्य पदार्थों की बिक्री के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को मामले की सुनवाई की। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं आने पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की।

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक के मामले में यदि अगली सुनवाई तक सरकार का जवाब नहीं आता है तो स्वास्थ्य सचिव को कोर्ट में उपस्थित होना पड़ेगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 16 जून को निर्धारित की है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार से बीते एक साल के खाद्य पदार्थों की जांच से संबंधित विवरण मांगा था। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि राज्य के विभिन्न जिलों में फूड सेफ्टी ऑफिसर की ओर से प्रति माह कितने खाद्य पदार्थों के सैंपल एकत्रित किए गए। इनमें से कितने सैंपल गलत पाये गये और जिन खाद्य पदार्थों के सैंपल गलत पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई। कोर्ट ने यह भी पूछा था कि लैब में खाद्य पदार्थों की किस-किस प्रकार की जांच होती है। इन सबके संबंध में कोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।

मामले में एमिकस क्यूरी पीयूष पोद्दार ने पैरवी की। पूर्व की सुनवाई में एमिकस क्यूरी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के कई जिलों में फूड सेफ्टी ऑफिसर नहीं हैं। इस बाबत सरकार की ओर से कहा गया कि कुछ जिलों में फूड सेफ्टी ऑफिसरों की नियुक्ति हुई है और कुछ की नियुक्ति प्रक्रिया जेपीएससी के जरिये चल रही है।

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