गुमनाम जो रहा वो गुनहगार बन गया
जरा सा नाम हुआ तो अवतार बन गया
अपनी अपनी किस्मत है दुनियां में दोस्तों…
महफ़िल ने जिसे चाहा वो कलाकार बन गया !
27.04.2023 – बालासोर (ओडिशा) जिला के एक छोटे से शहर बलियापाल से निकलकर अभिनेता रतिकांत कामिला ने जब बॉलीवुड में अपनी पहचान कायम करने की मंशा के साथ कदम रखा तो कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन रितिकांत के जुनून और समर्पण ने उनके सामने आई सभी बाधाओं को दूर करने में मदद की। रतिकांत कामिला ने 2014 में डीडी नेशनल चैनल पर प्रसारित होने वाले टीवी शो ‘ऐसा प्रेम कहानी’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
उन्होंने अपने प्रभावशाली अभिनय कौशल से दर्शकों का ध्यान तुरंत आकर्षित किया। उनकी अगली टीवी उपस्थितियां ‘चंद्रादिनी’, ‘लाल इश्क’, ‘सिद्धिविनायक’, ‘मेरी हानिकारक बीवी’, ‘मौका-ए-वारदात’, ‘आप के आ जाने से’, ‘फियर फाइल्स’, ‘दिल दौड़ता है’, ‘ब्रह्मरक्ष’ ‘इंडिया मोस्ट सनसनी खेज’, ‘नागिन 3’, ‘इश्क में थीं’। ‘मैं मरजावां’, ‘मोल्की’, ‘सावधान इंडिया’, ‘निमकी मुखिया’, ‘क्राइम प्रटोल 100’, ‘कवच’, ‘महाराज की जय हो’, ‘कयामत की रात’, ‘एक्सप्रेस योर सेल्फ’, ‘स्कैम 1992’, ‘साहेब बीवी और बॉस’, ‘सुहानी सी एक लड़की’, ‘संकट मोचन महाबली हनुमान’, ‘अकबर बीरबल’ , और ‘विक्रम बेताल’। रितिकांत का अभिनय कौशल केवल टेलीविजन शो तक ही सीमित नहीं रहा उन्होंने 100 से अधिक लघु फिल्मों में और दो भोजपुरी फिल्म ‘तू ही तो मेरी जान है राधा’ और ‘नवरात्र’ में भी अभिनय किया है, जिसने दर्शकों और आलोचकों से समान रूप से सकारात्मक समीक्षा प्राप्त की।
2017 में, रतीकांत कामिला ने फिल्म सरकार राज 3 से बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की, जहां उन्होंने अमिताभ बच्चन और जैकी श्रॉफ जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसने उनके लिए नए अवसर खोले, और उन्हें बॉलीवुड फिल्मों में अधिक प्रमुख भूमिकाओं के प्रस्ताव मिलने लगे। 2021 में, लोकप्रिय क्राइम ड्रामा ‘मुंबई सागा’ में रतिकांत के प्रदर्शन को व्यापक रूप से सराहा गया, और उन्होंने दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रियता हासिल की। फिल्म ‘कौन प्रवीण तांबे?’ 2022 में आई जिससे उनके कैरियर को एक नई दिशा मिली। उसके बाद तो उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। फ़िलवक्त बॉलीवुड की कई फिल्मों और वेबसीरीज के अलावा भोजपुरी फिल्मों के लिए अभिनेता रतिकांत कामिला को अनुबंधित किया जा चुका है।
प्रस्तुति : काली दास पाण्डेय
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