Army commanders' conference in hybrid mode, outline of India-China relations will also be discussed

नई दिल्ली 17 अपै्रल,(एजेंसी)। सोमवार से भारतीय सेना के कमांडरों का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन शुरू हुआ है। सम्मेलन के दौरान चीन में भारत के पूर्व राजदूत रहे विजय गोखले भारत-चीन संबंधों की भावी रूपरेखा पर वार्ता करेंगे। भारतीय सेना के कमांडरों का यह सम्मेलन अगले 5 दिन तक जारी रहेगा। भारतीय सेना के कमांडरों का यह सम्मेलन साल में दो बार आयोजित किया जाता है। इस वर्ष पहली बार यह सम्मेलन हाइब्रिड रूप से हो रहा है। सम्मेलन की शुरूआत में सेना के कमांडर और वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअली इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। हालांकि बाद में विस्तृत विचार-विमर्श वाले विषयों पर व्यक्तिगत तौर पर दिल्ली में चर्चा की जाएगी।

भारतीय सेना के मुताबिक सेना के कमांडरों का यह शीर्ष कार्यक्रम है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 19 अप्रैल को सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस दौरान रक्षा मंत्री सेना में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ट्रेनिंग, रोबोटिक्स, नवाचार, निगरानी के लिए समाधान, वर्चुअल रियलिटी, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स आदि पर केंद्रित एक उपकरण डिस्प्ले की समीक्षा भी करेंगे। यहां अग्निपथ योजना, कॉम्बैट इंजीनियरों के कार्य संबंधी, सेना में डिजिटलीकरण पहलुओं और बजट प्रबंधन पर प्रगति की भी समीक्षा की जाएगी।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारतीय सेना के कमांडरों का यह सम्मेलन विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है। विभिन्न विषयों पर यहां होने वाले विचार विमर्श भारतीय सेना के लिए नीतिगत निर्णय लेने में मददगार साबित होते हैं। यही कारण है कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ और चीफ ऑफ द एयर स्टाफ भी शामिल होकर सेना के कमांडर को संबोधित करेंगे। वर्ष 2023 के लिए आयोजित किया जा रहा पहला कमांडर सम्मेलन 17 से 21 अप्रैल तक जारी रहेगा। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सेना का शीर्ष नेतृत्व वर्तमान व उभरते सुरक्षा परिदृश्य पर भी मंथन करेगा और भारतीय सेना की परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा करेगा।

जानकारी के मुताबिक कमांडर्स कॉन्फ्रेंस सम्मेलन के पहले दिन वर्चुअल तौर पर विभिन्न भारतीय सेना के अलग-अलग कमान मुख्यालयों के एजेंडे पर चर्चा होगी। इस महत्वपूर्ण चर्चा के उपरांत अंडमान-निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ अपडेट देंगे। इसके साथ ही सेना मुख्यालय के प्रधान अधिकारियों के सत्र भी आयोजित किए जाने हैं।

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