Motihari incident is a slap on the cheek of the Bihar government for prohibition Rajiv Pratap Rudy

* मौत के आंकड़ों में हेरफेर की भी राजनीति करती है सरकार, पूर्व में सारण की घटना है प्रमाण

*मानवाधिकार आयोग ने सारण में हुई मौतों के लिए सरकार और प्रशासन को दोषी माना था

* बिहार को मजदूर बनाने की फैक्ट्री बना दिया है राज्य सरकार ने

*हर दिन लोगों का पलायन हो रहा है और जो बचते है उन्हें मिल रही जहरीली शराब की मौत

*मरने वाले वहीं, जिसे हमेशा विकसित करने, आगे बढ़ाने, उन्नति-प्रगति का राग बिहार सरकार अलापती रहती है

पटना, 15 अप्रैल (एजेंसी) । पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि एक बार फिर से बिहार सरकार के गाल पर उसके द्वारा घोषित शराबबंदी का तमाचा लगा है। मोतिहारी में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत बिहार सरकार की शराबबंदी नीति पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।

यह घटना सरकार की चूक, प्रशासनिक चूक और शासन के नेतृत्वकर्ताओं की कमजोरी को एक साथ उजागर करता है।  राजीव प्रताप रुडी ने नीतीश कुमार और उनकी शराबबंदी नीति की ओर उंगली उठाते हुए कहा कि उनके क्षेत्र सारण में भी पिछले वर्ष दिसम्बर में शराब पीकर काफी लोगों की मौत हुई थी लेकिन, उस मौत पर भी राज्य सरकार राजनीति करती रही और मौत के आंकड़ों में भी हेराफेरी करती रही। सरकार के अनुसार मात्र 46 लोग मरे जबकि सारण शराब काण्ड में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार असमय काल कलवित होने वालों की संख्या 77 है।

रुडी ने कहा कि मोतिहारी में शराब काण्ड में भी ऐसा ही हो रहा है। सरकार और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मौत के आंकड़ों को भी घटाकर प्रदर्शित किया जा रहा है।

इस घटना में फिर से उन्हीं लोगों की मौत शराब के कारण हुई है जिसे हमेशा विकसित करने, आगे बढ़ाने, उनकी उन्नती प्रगति का राग बिहार सरकार अलापती रहती है। विदित हो कि पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में जहरीली शराब का कहर जारी है। संदिग्ध परिस्थितियों में मरनेवालों की संख्या 16 पर पहुंच गई है।

चार दर्जन लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। सभी ने जहरीली शराब पी थी पर प्रशासन इसे डायरियां से हुई मौत बता रहा है। अपने मोतिहारी कार्यक्रम के दौरान  रुडी ने कहा था कि बिहार को मजदूरों की फैक्ट्री बना दिया गया है। मोतिहारी मे हुई मौतें प्रदर्शित करती है कि राज्य में रोजी-रोजगार है नहीं, विकास के नाम पर केवल कमीशन वाले काम हुए और रोजगार के अभाव में लोग यहां से पलायन करते रहे है।

उन्होंने कहा कि हाँ सरकार ने एक उद्योग जरूर विकसित किया है, वह है मजदूर सप्लाई करने का। बिहार को मजदूर बनाने की फैक्ट्री बना दिया है।

हालांकि बिहारी ऊंचे पदों पर भी है लेकिन किसी भी राज्य के किसी भी जिले के किसी भी उद्योग धंधे के कल कारखाने में आप प्रवेश कर जायें तो वहां आपको बिहारी मजदूर, श्रमिक जरूर मिलेंगे। हर दिन लोगों का पलायन हो रहा है और जो नहीं जा रहे है उन्हें जहरीली शराब से मौत दी जा रही है।

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