35 hydrogen trains will run on historical hill routes

नई दिल्ली 16 मार्च (एजेंसी)।  रेल मंत्रालय बजट 2023-24 में 2800 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विरासत व पहाड़ी मार्गो के लिए 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेनों के लिए विकास कार्य कर रहा है।

रेल मंत्रालय को 2023-24 के दौरान पूंजीगत व्यय के लिए सकल बजट समर्थन (जीबीएस) के रूप में 2,40,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें पूंजी के तहत 1,85,000 करोड़ रुपये, रेलवे सुरक्षा कोष के तहत 45,000 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष में योगदान के रूप में 10,000 करोड़ रुपये शामिल हैं।

2023-24 के लिए योजना शीर्ष ‘नई लाइनें’ के लिए सकल बजटीय सहायता में से कुल 31,850 करोड़ आवंटित किए गए हैं। 2023-24 के लिए नई लाइनों के लिए क्षेत्रवार निधि आवंटन किया गया है। इसके तहत केंद्रीय रेलवे को 1234.95 करोड़,

पूर्व रेलवे को 432.95 करोड़, उत्तरी रेलवे को 11617.30 करोड़, उत्तर पूर्वी रेलवे को 792.00 करोड़, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे को 6591.00 करोड़, दक्षिण रेलवे को 1158.15 करोड़, दक्षिण केंद्रीय रेलवे को 819.50 करोड़, दक्षिण पूर्वी रेलवे 14.90 करोड़, पश्चिमी रेलवे 1011.70 करोड़, पूर्व मध्य रेलवे को 1518.02 करोड़, पूर्वी तट रेलवे 1984.00, उत्तर मध्य रेलवे 2.13 करोड़, उत्तर पश्चिमी रेल को 861.65 करोड़, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 389.00, दक्षिण पश्चिमी रेलवे 1408.35 और पश्चिम मध्य को 2014.40 करोड़ आवंटित किए हैं।

उन्होंने कहा कि नई ट्रेनों की शुरुआत रेलवे के नियमित दैनिक परिचालन का एक हिस्सा है। 2023-24 के लिए योजना शीर्ष ‘ग्राहक सुविधाएं’ के लिए सकल बजटीय सहायता में से 13,150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

बजट 2023-24 में 2800 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विरासत व पहाड़ी मार्गो के लिए 35 हाइड्रोजन फ्यूल सेल आधारित ट्रेनों के विकास को शामिल किया गया है। इसके अलावा 600 करोड़ रुपए की लागत से विरासत मार्गो के लिए हाइड्रोजन इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार किया जा रहा है।

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