भोपाल,10 मार्च (एजेंसी)। मार्च में विवाह के करीब दस मुहूर्त हैं। वहीं, खरमास और गुरु अस्त के कारण अप्रैल में शादी नहीं हो सकेगी। मई-जून में 32 मुहूर्त हैं। इन दिनों शादी समारोह चल रहे हैं।
हालांकि, कई लोग होलाष्टक दोष के कारण होली के पहले आठ दिन विवाह नहीं करते हैं। लेकिन पंडितों का कहना है कि होलाष्टक का दोष मध्यभारत में नहीं लगता है। इसलिए कई पंचांगों में होली के पहले आठ दिन विवाह नहीं करते हैं।
लेकिन पंडितों का कहना है कि होलाष्टक का दोष मध्यभारत में नहीं लगता है। इसलिए कई पंचांगों में होली के पहले भी विवाह के मुहूर्त रहे। मार्च में 15 तारीख तक विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 15 मार्च से खरमास : 15 मार्च से 14 अप्रैल तक खरमास है।
ज्योतिषियों के अनुसार सूर्य का मीन राशि में प्रवेश ही खरमास कहलाता है। इसलिए इस माह में शादियों सहित बड़े मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं।
गुरु उदय के बाद शुभ मुहूर्त : अप्रैल में में एक भी विवाह मुहूर्त नहीं है। इसका कारण खरमास होना है। गुरु का उदय 29 अप्रैल को होगा। इसके बाद विवाह मुहूर्त मई से ही है।
पं. विष्णु राजौरिया ने बताया कि विवाह के लिए गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी है। कोई एक भी व्रत अस्त होता है तो विवहा कार्य नहीं हेाते हैं।
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