Heated exchanges between Chief Minister Yogi and Leader of Opposition Akhilesh in Uttar Pradesh Assembly

लखनऊ,25 फरवरी (एजेंसी)। प्रयागराज में पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह और उसके एक सुरक्षाकर्मी की हत्या के मामले को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विधानसभा में शनिवार को सत्र की शुरुआत होते ही समाजवादी पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज कुमार पांडेय ने प्रयागराज की घटना पर चर्चा कराने की मांग की।

इस बीच नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद में गवाह और एक सुरक्षाकर्मी की जिस तरह गोलियां बरसाकर हत्या की गयी, डबल इंजन की सरकार क्या कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर इलाज मिल जाता तो शायद जान बच जाती। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि चर्चा के लिए कोई नोटिस नहीं मिली है। नेता सदन (मुख्यमंत्री) का राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर वक्तव्य पहले से तय है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा, इस पार्टी ने अपराधियों और माफिया को न सिर्फ पाला-पोसा बल्कि उन्हें विधायक और सांसद तक बनाया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार प्रयागराज मामले में दोषी बताये जा रहे माफिया को ‘मिट्टी में मिला देगी। इस पर सदन में सपा और विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की, जिसके बाद मुख्यमंत्री और अखिलेश के बीच तीखी नोकझोंक हुई।

इसी दौरान, सपा के सदस्य सदन के बीचो बीच आकर नारेबाजी करने लगे। बहरहाल, बाद में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के आग्रह पर सपा सदस्य अपने-अपने स्थान पर चले गये और मुख्यमंत्री का भाषण शुरू हुआ। इस दौरान भी आदित्यनाथ बीच-बीच में सपा और नेता प्रतिपक्ष पर तंज करते रहे।

पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देने के लिये खड़े हुए। तभी सदन में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रयागराज में पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके एक सुरक्षाकर्मी की हत्या का मामला उठाते हुए सरकार पर सवाल खड़े किये।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सदन को आश्वस्त करते हैं कि सरकार प्रयागराज की घटना में दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर सपा पर निशाना साधते हुए कहा, लेकिन जो अपराधी और माफिया हैं, आखिर वे पाले किसके द्वारा गए हैं।

प्रयागराज की घटना में जिस माफिया का नाम आ रहा है, क्या यह सच नहीं है कि समाजवादी पार्टी ने उसे सांसद बनाया था।
गौरतलब है कि प्रयागराज मामले में फूलपुर सीट से सपा के पूर्व सांसद माफिया अतीक अहमद का हाथ होना बताया जा रहा है। अहमद इस वक्त गुजरात की एक जेल में बंद है। मुख्यमंत्री ने किसी का नाम लिये बगैर आरोप लगाया, ‘वह समाजवादी पार्टी द्वारा पोषित माफिया है। उसकी कमर तोडऩे का काम हमारी सरकार ने किया है।

हम इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। उन्होंने सपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘यह पेशेवर अपराधियों के सरपरस्त हैं और यह लगातार यही करते आ रहे हैं। इनके रग-रग में अपराध भरा हुआ है। अपराध के अलावा इन्होंने कुछ सीखा ही नहीं है। पूरा उत्तर प्रदेश इस बात को जानता है और आज यह लोग अपनी सफाई देने के लिए यहां पर आए हैं।

आदित्यनाथ ने कहा, ‘जिस माफिया ने कल यह कृत्य किया है वह उत्तर प्रदेश के बाहर है और वह माफिया समाजवादी पार्टी के सहयोग से ही बार-बार विधायक और सांसद बना है। क्या यह सच नहीं है कि 1996 में इलाहाबाद-पश्चिमी सीट से वह माफिया समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार और पार्टी के सहयोग से विधायक बना था।

यही नहीं वर्ष 2004 में भी वह माफिया इन्हीं लोगों के सहयोग से सांसद बना था। यह लोग चोरी और सीनाजोरी करने का काम कर रहे हैं। उन माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का काम हमारी सरकार करेगी।

योगी की इस तल्ख टिप्पणी पर सपा के विधायक सदन के बीचो बीच आ गए और नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे सपा विधायकों से अपने स्थान पर जाने को कहा। कुछ देर के बाद सपा सदस्य अपने-अपने स्थान पर चले गये। उसके बाद मुख्यमंत्री ने अपना भाषण दोबारा शुरू किया। इस दौरान उन्होंने कई बार सपा पर तंज किया।

उन्होंने कहा कि जो लोग अभिभाषण पढ़ रहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का सदन में सम्मान नहीं करते वे महिलाओं का सम्मान कैसे करेंगे। उन्होंने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के ‘लड़के हैं, गलती हो जाती है, के वक्तव्य को लेकर भी सपा पर निशाना साधा।

योगी ने वर्ष 1995 में राज्य अतिथि गृह में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के साथ हुई घटना की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘स्टेट गेस्ट हाउस कांड के समय भी इनका (सपा का) आचरण सामने आया था।

इस पर आपत्ति करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को दिल्ली की सरकार सम्मान देती है… इनको शर्म आनी चाहिए।

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