Only Narendra Modi understood the problems of farmers JP Nadda

हनुमानगढ़ , 24 फरवरी ( एजेंसी)। राजस्थान के हनुमानगढ़ में सिख समाज द्वारा आयोजित ‘किसान संगत अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं। देश के किसानों के साथ लंबे समय तक छल हुआ। कई राजनीतिक लोग स्वयंभू किसान नेता बन गए। किसानों के लिए बड़े-बड़े नारे भी दिए, बातें की गई लेकिन किसानों की समस्या समझ कर उनके हित में योजनाओं को धरातल में लाने का कार्य केवल और केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।

फसल बीमा तो पहले भी थी लेकिन बीमा कंपनियों से किसानों को केवल और केवल धोखा ही मिलता था। लड्ढा ने कहा कि  फसल क्षतिपूर्ति को लेकर किसानों के लगभग 1.20 करोड़ केस थे। नरेन्द्र मोदी सरकार ने उन सभी केसों का सेटलमेंट कराया। प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि के तहत हर साल देश के लगभग 11 करोड़ किसानों को छ:-छ: हजार रुपये की आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक एकाउंट में मिलती है। राजस्थान के भी लगभग 77 लाख किसान इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। अब तक 12 किस्तों में लगभग सवा दो लाख करोड़ रुपये किसानों के एकाउंट में पहुंचाए जा चुके हैं।

आप ही बताइये कि किस किसान नेता ने किसानों के लिए ये काम किये? किस प्रधानमंत्री ने किसानों के सम्मान की बात की? क्या कभी किसी किसान ने सोचा था कि उन्हें भी पेंशन मिलेगी? किसानों को मासिक पेंशन देने की व्यवस्था  नरेन्द्र मोदी सरकार ने की है। इस योजना से देश के लगभग 20 लाख किसान जुड़ चुके हैं। राजस्थान में लगभग 38,000 किसान इस योजना से जुड़े हैं। हालांकि ये संख्या कम है। मैं तो चाहूंगा कि यहाँ से लाखों किसान इस योजना से जुड़ें और इसका लाभ उठायें।

नड्डा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत साढ़े 8 वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए उठाये गए क़दमों की विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष  सतीश पूनिया, राजस्थान विधान सभा में उप-नेता  राजेंद्र राठौड़, राजस्थान की भाजपा प्रभारी  विजया राहटकर, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष सरदार अजय पाल सिंह, पूर्व मंत्री सरदार सुरेंद्र पाल सिंह, सरदार गुरचरण सिंह और सरदार कुलदीप सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे। नड्डा ने कहा कि ने कहा कि इस देश में आम नागरिकों के स्वास्थ्य की चिंता तक नहीं होती थी लेकिन आज मिट्टी के स्वास्थ्य की चिंता हो रही है।

देश में करोड़ों स्वायल हेल्थ कार्ड जारी किये गए हैं और किये जा रहे हैं। इसके माध्यम से देश में लगभग 93 प्रतिशत मिट्टी की जांच की जा चुकी है। पहले यूरिया और अन्य खाद ब्लैक किये जाते थे। यूरिया की किल्लत से किसान हमेशा परेशान रहते थे। यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज होता था। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नीमकोटेड यूरिया शुरू कर इसके ब्लैक मार्केटिंग पर अंकुश लगाया। अब किसानों को सही समय पर यूरिया मिलता है। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया।

यहाँ के किसानों को भी इससे फायदा उठाना चाहिए। 2014 में कृषि का आम बजट महज 25 हजार करोड़ रुपये के आसपास था लेकिन नरेन्द्र मोदी सरकार में कृषि बजट लगभग पांच गुना बढ़ कर 1.25 लाख करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के लिए लगभग 93,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके। 2014 में केवल दो मेगा फ़ूड पार्क थे, आज ये बढ़ कर 22 हो गए हैं। राजस्थान के रूपनगढ़ में मेगा फ़ूड पार्क का उद्घाटन हो चुका है। बीकानेर में भी मेगा फ़ूड पार्क जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा।

हमारी सरकार में लगभग 1,000 ई-मंडी बनायी गई है जिसमें लगभग 1.60 करोड़ किसान पंजीकृत हो चुके हैं। राजस्थान के भी लगभग 14 लाख किसान इसमें रजिस्टर्ड हैं। आज किसान अपने खेत से दुनिया के किसी भी जगह अपने उत्पादों को अच्छी कीमत पर भेज सकते हैं। जहां किसानों की ऊपज के अच्छे दाम मिलेंगे, वहां किसान अब अपने उत्पाद भेज कर बेच सकते हैं, ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है। मैं किसानों से आग्रह करता हूँ कि आप केवल पुरानी व्यवस्था पर भरोसा न करें, बल्कि आप ये देखें ई-मंडी और टेक्नोलॉजी से किस तरह आपको पता चल जाता है कि कहाँ आपकी ऊपज की कीमत कम है और कहा ज्यादा और आप इस आधार पर अपनी ऊपज अच्छी कीमत पर बेच सकते हैं।

इस साल आम बजट में कृषि शिक्षा एवं रिसर्च के लिए लगभग 1.25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। श्री नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए कटिबद्ध है। नड्डा ने कहा कि हमारे सिख भाइयों ने देश की रक्षा के लिए जितना बलिदान दिया है, उसे देश कभी भी भूल नहीं सकता है। सिख गुरुओं ने हमें देश की रक्षा के लिए शिक्षा दी। दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह सिंह जी ने देश के लिए शहादत दी। उनके वीर साहबजादों ने देश के लिए शहादत दी। अन्य सभी गुरुओं ने भी अपना सर्वोच्च बलिदान देकर देश को एक रखने का काम किया है और समाज को आगे बढऩे की प्रेरणा दी है।

देश के विकास में महान सिख गुरुओं के योगदान को हम कभी भूल नहीं सकते। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व में भाजपा को छोड़ कर सिख भाइयों के साथ लगभग सभी राजनीतिक दलों ने केवल और केवल राजनीति की। सिख भाइयों ने विवाह के मामले में कहा था कि क़ानून में बदलाव आना चाहिए। यह बात तो छोटी थी किंतु किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने इस पर ध्यान देकर क़ानून में बदलाव किया। पहले की सरकारों में और यहाँ तक कि 10 वर्षों तक एक सिख प्रधानमंत्री के काल में भी श्री श्री तख़्त हरमंदिर साहब के लंगर पर भी टैक्स लगता था। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने लंगर पर से टैक्स को ख़त्म कराया।

श्री श्री हरमंदिर साहिब को फॉरेन कंट्रीब्यूशन लेने का पहले कोई प्रावधान नहीं था लेकिन  प्रधानमंत्री  की प्रेरणा से एफसीआरए रजिस्ट्रेशन ग्रांट हुआ और अब श्री श्री हरमंदिर साहिब को विदेशी योगदान मिलना शुरू हो गया है। आजादी से लेकर 70 सालों तक डेरा नानक साहब और करतारपुर साहिब का दर्शन करने का अवसर हमारे सिख भाइयों को नहीं मिल पाया था, यह रास्ता अब तक नहीं मिल पाया था लेकिन  प्रधानमंत्री  की प्रेरणा से यह कॉरिडोर बन कर तैयार हुआ और सिख भाइयों को डेरा नानक साहब और करतारपुर साहिब का दर्शन करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। नड्डा ने कहा कि गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के आयोजन पर लगभग 500 करोड़ रुपये खर्च करके सुल्तानपुर लोधी शहर को विकसित किया गया और रेलवे स्टेशन को तैयार कराया गया।

सिख श्रद्धालुओं के लिए विशेष ट्रेन चलाई गई। गुरु गोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व को धूमधाम के साथ पूरे देश में मनाया गया। इसके लिए  नरेन्द्र मोदी सरकार ने 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की। गुजरात के जामनगर में  प्रधानमंत्री  ने 750 बेड का एक अस्पताल सिख भाइयों को समर्पित किया। गुरबानी पर रिसर्च करने के लिए लगभग 67 करोड़ रुपये की लागत से गुरुनानक यूनिवर्सिटी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरफेथ स्टडीज की भी शुरुआत की गई है। इतना ही नहीं, गुरबानी को देश की 15 भाषाओं में अनुवाद करके पढ़ाने का काम शुरू किया गया है। नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने यूनेस्को में आग्रह किया है कि विदेशी भाषाओं में गुरबानी का अनुवाद होना चाहिए ताकि पूरी दुनिया इसे पढ़ कर प्रेरणा ले सके। नड्डा ने कहा कि  प्रधानमंत्री  की दृढ़ इच्छाशक्ति से ब्लैकलिस्ट से 314 नाम हटाये जा चुके हैं, अब उसमें केवल दो नाम रह गए हैं।

हमारे सिख भाइयों के आंसू बह-बह के सूख गए लेकिन कांग्रेस की सरकारें 1984 के दंगों के दोषियों को सजा नहीं दिलवा पाई।  प्रधानमंत्री  ने एसआईटी बनाई और दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का कार्य किया। दंगा पीडि़त परिवारों की भी मदद  नरेन्द्र मोदी सरकार में की गई। स्वदेश दर्शन योजना विकसित की जा रही है। जालियांवाला बाग़ को विकसित कराया गया है। आखिर क्यों पहले की सरकारों ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की? क्यों इसके लिए श्री नरेन्द्र मोदी जी का इंतजार करना पड़ा?

क्योंकि  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को सिख भाइयों के लिए दर्द है दिल में, प्यार है उनके प्रति। आखिर क्यों पहले की सरकारों को वीर बाल दिवस मनाने की याद नहीं आई? क्यों गुरु गोबिंद सिंह जी के शहजादों की शहादत याद नहीं आई? आज वीर बाल दिवस के दिन दुनिया बहादुर बलिदानी साहेबजादों को याद करती है, उनकी बहादुरी के इतिहास को याद करती है। नड्डा ने कहा कि आज रेलवे का बजट लगभग दौ गुना बढ़ गया है। एक समय राजस्थान में रेलवे के लिए बजट केवल 682 करोड़ रुपये होते थे, इस साल यह बढ़ कर 9,532 करोड़ रुपये हो गया है। देश के लगभग 1.72 लाख गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है जिसमें राजस्थान के भी लगभग 8770 गाँव हैं। यह परिवर्तन है। यह भारत के विकास की कहानी है।

नड्डा ने कहा कि राजस्थान में यह देख कर बहुत दु:ख होता है कि यहाँ चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी के दावे तो कांग्रेस द्वारा बहुत किये गए लेकिन आज तक ये नहीं हुआ। कहाँ गई वो बातें? क्यों यहाँ किसानों के साथ कांग्रेस की सरकार ने छल किया? वहीं, दूसरी ओर,  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  ने किसानों के खाते में केवल पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग सवा दो लाख रुपये पहुंचाए जा चुके हैं।

चुनाव आने पर लोग राजस्थान में जादूगरी करते हैं कि ये करूंगा, वो करूंगा लेकिन करते कुछ नहीं। इसलिए इनलोगों को आराम दीजिये और भाजपा को सेवा का अवसर दीजिये।

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