Morbi bridge accident Oreva company ordered to give compensation of Rs 10 lakh each to the relatives of the deceased

अहमदाबाद 22 फरवरी, (एजेंसी)।  गुजरात हाईकोर्ट ने बुधवार को ओरेवा समूह को प्रत्येक पीडि़त के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 2 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया और कंपनी को चार सप्ताह के भीतर 5 करोड़ रुपये जमा करने का आदेश दिया।

30 अक्टूबर की शाम को मोरबी शहर में मच्छू नदी पर झूला पुल गिरने से 35 बच्चों समेत 135 लोगों की मौत हो गई थी। पुल की मरम्मत और रख-रखाव का ठेका ओरेवा समूह को दिया गया, जिसने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट लिए और बिना मोरबी नगरपालिका की मंजूरी के पुल को विजिटर्स के लिए खोल दिया।

मुख्य न्यायाधीश सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की प्रथम खंडपीठ ने प्रत्येक पीडि़त के परिजनों को 10 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश देते हुए इस तरह की त्रासदियों में मुआवजे के लिए सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का हवाला दिया: ऐसी त्रासदियों में, एक

निजी पार्टी को मुआवजे का 55 प्रतिशत अपनी जेब से देना होगा, और शेष 45 प्रतिशत राज्य निधि द्वारा भुगतान किया जाना चाहिए।
आगे कहा गया, यह केवल पीडि़तों को राहत देने का एक प्रयास है, क्योंकि उनका जीवन पूरी तरह से बाधित हो गया है। कोई उनकी भरपाई नहीं कर सकता, ये तो बस एक कोशिश है।

प्रत्येक पीडि़त के परिजन को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये देने के ओरेवा समूह के प्रस्ताव को अदालत ने खारिज कर दिया।

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