हैदराबाद 05 फरवरी (एजेंसी) । पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आते हुए भारत के खिलाफ लगातार षडय़ंत्र रच रहा है। पाकिस्तान भारत में कई साजिशों को अंजाम देने की फिराक में जुटा हुआ है। पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं की हैदराबाद को दहलाने के लिए रची बड़ी साजिश पर खुलासा हुआ है। एनआईए ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अपने हमदर्दों को हथगोले उपलब्ध कराए थे और उनके साथ हैदराबाद शहर में लोन वुल्फ हमलों और विस्फोटों को अंजाम देने की साजिश रची थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एफआईआर में इस बात का खुलासा हुआ है।
हैदराबाद के तीन निवासियों के खिलाफ 25 जनवरी को दर्ज की गई प्राथमिकी में यह भी बताया गया है कि एनआईए द्वारा दायर मुकदमें में आरोपी व्यक्तियों को सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए सार्वजनिक समारोहों और जुलूसों में हैंड ग्रैंड फेंकने का निर्देश दिया गया था।
पाकिस्तान स्थित आकाओं ने एक अब्दुल जाहिद उर्फ ज़ाहिद उर्फ मोहम्मद को यह काम दिया था, जो हैदराबाद में कई आतंकवाद से संबंधित मामलों में आरोपी है। प्राथमिकी में उल्लेख किया गया है कि ज़ाहिद ने आईएसआई और एलईटी के निर्देश पर माज़, समीउद्दीन और अन्य कई युवकों की भर्ती की थी। ज़ाहिद के अलावा, एनआईए ने अक्टूबर 2022 में हैदराबाद में आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए माज़ हसन फारूक और समीउद्दीन का नाम भी मुकदमें में शामिल किया, जिन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी के अनुसार, ज़ाहिद ने अपने पाकिस्तानी आकाओं के निर्देश पर, अपने गिरोह के सदस्यों के साथ हैदराबाद शहर में विस्फोटों और लोन-वुल्फ हमलों सहित आम लोगों के मन में आतंक पैदा करने के लिए आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रची।
प्राथमिकी में कहा गया है, यह भी पता चला है कि ज़ाहिद को पाकिस्तान स्थित आकाओं से हथगोले मिले थे और वह सांप्रदायिक तनाव पैदा करने के लिए सार्वजनिक सभाओं और जुलूसों पर हमला करने की योजना बना रहा था। हैदराबाद पुलिस ने जाहेद के परिसर से दो हथगोले, दो मोबाइल फोन और 3,91,800 रुपये जब्त करने के बाद 1 अक्टूबर, 2022 को यूएपीए के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन डिवीजन ने मामले को एनआईए को सौंप दिया था।
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