RSS general secretary said, Sangh is neither right wing nor left wing

जयपुर 02 Feb, (एजेंसी): राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संगठन के कार्यकर्ता ‘राष्ट्रवादी’ हैं, ‘न दक्षिणपंथी हैं और न वामपंथी’। एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा  आयोजित ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : काल, आज और कल’ विषय पर दीनदयाल स्मारक व्याख्यान में होसबोले ने कहा, “हम न तो दक्षिणपंथी हैं और न ही वामपंथी। हम राष्ट्रवादी हैं। संघ केवल राष्ट्र के हित में काम कर रहा है।”

होसबोले ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिंदू थे। उनकी पूजा का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन उन सभी का डीएनए एक ही है।

उन्होंने आगे कहा, “संघ केवल शाखा लगाएगा, लेकिन संघ के स्वयंसेवक सभी काम करेंगे। सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर विश्व का नेतृत्व करेगा। संघ सभी को मानता है, भारत के धर्म और संप्रदाय एक हैं।”

उन्होंने कहा, “लोग अपने पंथ की बातों को रखते हुए संघ कार्य कर सकते हैं। संघ कठोर नहीं, बल्कि लचीला है। संघ को समझने के लिए हृदय की आवश्यकता नहीं है। केवल मन काम नहीं करता। हृदय और मन को बनाना संघ का कार्य है। जानिए, जीवन क्या है और जीवन का लक्ष्य क्या है।”

आरएसएस महासचिव ने कहा कि संविधान अच्छा है और उसे चलाने वाले खराब हैं तो संविधान भी कुछ नहीं कर सकता।

उन्होंने कहा कि यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि हमारी अगली पीढ़ी सामाजिक कलंक को आगे नहीं ले जाए। इसलिए पर्यावरण की रक्षा के लिए जल, भूमि और वनों की रक्षा करनी होगी।

“भारत की अस्मिता और अस्तित्व के लिए हमें समाज को सक्रिय रखना है।”

होसबोले ने कहा कि देश में लोकतंत्र की स्थापना में आरएसएस की भूमिका रही है। यह तथ्य विदेशी पत्रकारों द्वारा लिखा गया था। तमिलनाडु में धर्मातरण के खिलाफ हिंदू जागरण का शंखनाद हुआ।

आरएसएस महासचिव ने कहा कि आज संघ देश में सामाजिक जीवन के सभी क्षेत्रों में सक्रिय है, कोई भी आपदा आती है तो संघ के स्वयंसेवकों को ही याद किया जाता है।

होसबोले ने कहा, “आज संघ राष्ट्रीय जीवन के केंद्र में है। संघ व्यक्ति निर्माण और समाज निर्माण का कार्य करता रहेगा। समाज के लोगों को जोड़कर समाज के लिए कार्य करेगा। आज संघ के एक लाख सेवा कार्य हो रहे हैं। संघ एक जीवनशैली और कार्य करने का तरीका है। संघ एक जीवनशैली है और संघ आज एक आंदोलन बन गया है। हिंदुत्व के निरंतर विकास के आविष्कार का नाम आरएसएस है।”

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