In case of death of the accused, the fine can be recovered from the heir Karnataka High Court

बेंगलुरू 02 Feb, (एजेंसी): कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आरोपी की मौत होने पर उसकी संपत्ति या उसके उत्तराधिकारियों से जुर्माना वसूला जा सकता है। न्यायमूर्ति शिवशंकर अमरनवर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को हासन के दिवंगत टोटिल गौड़ा की याचिका पर गौर करते हुए यह आदेश दिया। जिंदा रहते हुए उन्होंने यह अर्जी दाखिल की थी।

खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता को उसकी मौत के मामले में भी अदालत के आदेश के अनुसार जुर्माना भरने की जवाबदेही से छूट नहीं मिलेगी।

याचिकाकर्ता की मृत्यु के बाद परिवार के किसी भी सदस्य ने मामले को जारी रखने के लिए याचिका प्रस्तुत नहीं की है। दिवंगत टोटाइल गौड़ा के वकील ने प्रस्तुत किया कि कानूनी उत्तराधिकारी याचिका को जारी नहीं रखना चाहते हैं। पीठ ने कहा कि संपत्ति के उत्तराधिकारी को जुर्माने का भुगतान करना चाहिए।

हसन के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने 12 दिसंबर, 2011 को याचिकाकर्ता स्वर्गीय टोटिल गौड़ा को विद्युत अधिनियम के तहत 29,204 रुपये का जुर्माना लगाया था।

टोटिल गौड़ा ने उच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर की और निचली अदालत के आदेश पर सवाल उठाया। लेकिन हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई के दौरान टोटिल गौड़ा की मौत हो गई।

उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता की मृत्यु की पृष्ठभूमि में अपील याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने दोषी की संपत्ति से या संपत्ति के उत्तराधिकारियों से जुर्मार्ने की रकम वसूलने का आदेश दिया।

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