नई दिल्ली ,25 दिसंबर(एजेंसी)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 98वीं जयंती पर उनकी समाधि सदैव अटल जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इनके अतिरिक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख जेपी नड्डा भी पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 98वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए सदैव अटल स्मारक पहुंचे।
स्मारक पर जाने से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा और कहा, अटल जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उनका नेतृत्व और दूरदृष्टि लाखों लोगों को प्रेरित करती है।
ज्ञातव्य है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। एक कवि पिता के घर जन्मे वाजपेयी बाद में खुद एक कवि बन गए। उन्होंने कानपुर से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर भी किया। वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे। हालाँकि, उनका व्यक्तित्व, कविता और राजनीति सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं थी, बल्कि दुनिया भर में जानी जाती थी।
अमित शाह ने याद किया कि वाजपेयी ने विकास के एक नए युग की नींव रखी थी। अटल जी का जीवन, भारतीय राजनीति का शिखर, देश को फिर से उसके परम वैभव की ओर ले जाने के लिए समर्पित था। विकास और सुशासन के एक नए युग की नींव रखकर उन्होंने अपने नेतृत्व में विश्व को भारत की क्षमता से अवगत कराया और जनता में राष्ट्रीय गौरव की भावना जगाई। अटल जी को आज उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह न केवल दूरदर्शी थे बल्कि विद्वान भी थे। उन्होंने पोस्ट किया, मैं हम सभी की प्रेरणा और पूज्य पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन करता हूं। उन्होंने भारत में विकास और सुशासन का नया अध्याय लिखा और विश्व पटल पर देश को एक नई पहचान दी। वह न केवल एक दूरदर्शी थे बल्कि एक विद्वान भी थे। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन आज पूरे देश में सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
1924 में ग्वालियर में जन्मे, वाजपेयी दशकों तक भाजपा का चेहरा थे और पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री थे जिन्होंने कार्यालय में पूर्ण कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे। वे संयुक्त राष्ट्र संघ को हिंदी में संबोधित करने वाले पहले भारतीय भी थे। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के अलावा, वाजपेयी तीन मौकों पर प्रधानमंत्री की शपथ लेने वाले एकमात्र भारतीय नेता हैं। उनके राजनीतिक करियर के अलावा, वाजपेयी को एक आकर्षक वक्ता और एक सहानुभूतिपूर्ण कवि के रूप में याद किया जाता है।
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