जोधपुर 22 Dec, (एजेंसी): बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद फरोख्त और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कोर्ट फैसला सुना दिया है। रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा तथा बिचौलिए महेश नागर से जुड़ी याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज करने के आदेश दिए हैं। वहीं दो हफ्ते तक पहले का अंतरिम आदेश जारी रहेगा जिस दौरान परिवादी फिर से अपील भी कर सकते हैं। जानकारी के मुताबिक तब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकती है। जोधपुर हाईकोर्ट जस्टिस डॉ। पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकलपीठ ने फैसला सुनाया है।
दरअसल, ईडी ने स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और महेश नागर की 482 के प्रार्थना पत्र और इंफोर्समेंट डायरेक्टरी पेश की जिस पर बुधवार को कस्टोडियल परमिशन के प्रार्थना पत्र पर दोनों पक्षों की जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में सुनवाई हुई थी।
बता दें कि बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त के मामले को लेकर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा पर चल रहे मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की थी। बुधवार को कोर्ट में दोनों पक्षों को सुना गया था जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रख लिया था। मालूम हो कि इस मामले में वाड्रा समेत सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा रखी थी।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने बीकानेर भूमि घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक मामला दर्ज कर रखा है जिसकी जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से जुड़ी है।
वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर को आधार बनाकर वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक मुकदमा दर्ज किया था।
बता दें कि वाड्रा का यह मामला करीब 5 सालों से राजस्थान हाईकोर्ट में चल रहा है जिस पर अभी तक 80 से अधिक बार सुनवाई हो चुकी है। इससे पहले कोर्ट की एकलपीठ के सामने स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने प्रवर्तन निदेशालय की जांच को चुनौती दी थी। वहीं राबर्ट वाड्रा की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई थी जिस पर 19 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश जारी हुए थे।
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