बेंगलुरू 17 Nov. (एजेंसी): कर्नाटक में जामिया मस्जिद विवाद में उस एक नया मोड़ आ गया, जब बजरंग दल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर इसे खाली करने की मांग की।
जनहित याचिका में दावा किया गया है मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद का निर्माण किया गया है। बजरंग दल की याचिका में कहा गया है कि मांड्या जिले के ऐतिहासिक श्रीरंगपटना शहर में स्थित जामिया मस्जिद में हिंदू देवताओं और मंदिर की संरचना के निशान हैं। इसलिए इसे तुरंत खाली किया जाना चाहिए, साथ ही हिंदू भक्तों को यहां स्थित कल्याणी (पारंपरिक जल निकाय) में स्नान करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बजरंग दल के कार्यकतार्ओं ने ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर मस्जिद के दोबारा सर्वेक्षण की मांग की है। जनहित याचिका बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष मंजूनाथ व 108 अन्य लोगों ने दायर की है।
बजरंग दल के सूत्र बताते हैं कि हिंदू परंपरा में 108 नंबर को शुभ माना जाता है और इसलिए 108 भक्त पक्षकार बनाए गए हैं।
बजरंग दल ने मैसूर गजेटियर, मस्जिद में हिंदू वास्तुकला, हिंदू मूर्तियों के शिलालेख, पवित्र जल निकाय और ब्रिटिश अधिकारियों के संदर्भों का प्रमाण भी अदालत को दिया है।
इससे पहले हिंदू संगठनों ने मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए अधिकारियों से अनुमति मांगी थी।
जामिया मस्जिद को हिंदू कार्यकतार्ओं से बचाने के लिए मस्जिद के अधिकारियों ने पहले ही संबंधित अधिकारियों से कई अपीलें की हैं।
गौरतलब है कि जामिया मस्जिद जिसे मस्जिद-ए-आला भी कहा जाता है, श्रीरंगपटना किले के अंदर स्थित है। इसे 1786-87 में टीपू के शासन के दौरान बनाया गया था। मस्जिद में तीन शिलालेख हैं, इनमें पैगंबर मोहम्मद के नौ नामों का उल्लेख है।
नरेंद्र मोदी विचार मंच की ओर से अधिकारियों से मस्जिद के सर्वेक्षण मांग की गई थी और कहा गया हनुमान मंदिर को तोड़कर जामिया मस्जिद का निर्माण किया गया था।
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