Research scholar will write history of Arunachal, will be included in school curriculum Deputy CM

ईटानगर 16 Nov. (एजेंसी): शोधार्थी अरुणाचल राज्य के इतिहास को फिर से लिख रहे हैं और इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा ताकि आने वाली पीढ़ी स्कूल स्तर पर राज्य के इतिहास को जान सकें। यह बयान अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चाउना मीन ने दिया है। भगवान वीर बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि, आने वाले राज्य दिवस (20 फरवरी) को गुमनाम नायकों को समर्पित किया जाएगा ताकि उन्हें उचित सम्मान दिया जा सके।

केंद्र सरकार द्वारा अनसंग हीरोज के नाम पहले ही एक समर्पित सरकारी पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं, जबकि कुछ और नाम अपलोड करने की प्रक्रिया में हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू और अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा भगवान वीर बिरसा मुंडा की एक प्रतिमा का अनावरण किया गया। खांडू ने कहा कि, अरुणाचल प्रदेश में भी स्वतंत्रता सेनानियों का हिस्सा है, लेकिन चिंता व्यक्त की है कि वे इतिहास में खो गए थे।

उन्होंने कहा, “वे देश की आजादी के लिए लड़े और उनमें से ज्यादातर आजादी की लड़ाई में मारे गए। लेकिन उनकी कहानियां अज्ञात हैं और उनके योगदान को मान्यता नहीं मिली है।”

उन्होंने सभा को बताया कि, “उपमुख्यमंत्री मीन की अध्यक्षता वाली एक समिति के तहत राज्य सरकार ने 157 गुमनाम नायकों की कहानियों का दस्तावेजीकरण किया है और उनमें से 60 की एक सूची अब तक केंद्र को सौंपी है ताकि स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को मान्यता दी जा सके।”

इस सूची में मतमुर जामोह भी शामिल है, जिसने कोम्सिंग गांव में ब्रिटिश अधिकारी विलियमसन की हत्या कर दी थी, जबकि उसके अनुयायियों ने 31 मार्च, 1911 को पूर्वी सियांग जिले के पांगी में डॉ. ग्रेगर्सन की हत्या कर दी थी। सेलुलर जेल में उनके आखिरी दिन, जहां वे अन्य लोगों के साथ थे।

उन्होंने कहा, “न केवल मध्य अरुणाचल बेल्ट के आदि, पूर्व में इडु मिशमी, वांचो, सिंगफो और खामती और पश्चिम में अकास ने भी अंग्रेजों का विरोध किया था और उनके साथ युद्ध लड़ा था।”

****************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *