हैदराबाद 28 Oct. (Rns/FJ): शहर की एक अदालत ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के चार विधायकों को कथित रूप से खरीदने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार तीन लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया। एसीबी कोर्ट के जज ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें पुलिस ने आरोपी की न्यायिक रिमांड की मांग की थी। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इसे भ्रष्टाचार का मामला नहीं माना जा सकता।
अदालत ने पुलिस को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत नोटिस देकर आरोपी से पूछताछ करने को कहा।
पुलिस ने रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदा कुमार और सिंहयाजी स्वामी को गुरुवार की देर रात सरूरनगर स्थित न्यायाधीश के आवास पर उनके समक्ष पेश किया।
कथित तौर पर भाजपा के एजेंट बताए जाने वाले आरोपियों को बुधवार रात हैदराबाद के पास एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया गया था, जब वे टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम, महत्वपूर्ण पदों और अनुबंधों के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे थे।
एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर पुलिस ने दिल्ली के रामचंद्र भारती, हैदराबाद के नंद कुमार और तिरुपति के सिंह्याजी स्वामी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 171-बी (रिश्वत) के साथ 171-ई (रिश्वत की सजा), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 8 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपी ने उसे 100 करोड़ रुपये की पेशकश की। उन्होंने मौद्रिक लाभ के लिए केंद्र सरकार को सिविल अनुबंध कार्य और केंद्र सरकार के उच्च पदों को देने की पेशकश की और उन्हें भाजपा में शामिल होने का लालच दिया।
विधायक ने पुलिस को बताया कि उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले बनाए जाएंगे और ईडी व सीबीआई द्वारा छापे मारे जाएंगे और टीआरएस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार को गिरा दिया जाएगा।
आरोपी ने कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने के लिए तीन अन्य विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी।
रोहित रेड्डी की सूचना पर साइबराबाद पुलिस फार्महाउस पहुंची और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने तीनों से गुरुवार को एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की।
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