Karnataka government on backfoot for collecting donations from parents

*वापस लेना पड़ा फैसला*

बेंगलुरु ,23 अक्टूबर (आरएनएस/FJ)। प्राइमरी और हाई स्कूल के प्रबंधन के लिए पैरंट्स पर चंदा देने का नियम कर्नाटक सराकार ने वापस ले लिया है। सरकार ने पैरंट्स से हर महीने स्कूल के विकास के नाम पर 100 रुपये वसूलने का नियम लागू किया था। हालांकि विपक्ष और लोगों की आलोचना के बाद इस फैसले को वापस ले लिया गया। यह नियम 20 अक्टूबर को लागू किया गया था।

शनिवार को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक एजुकेशन की तरफ से कहा गया कि तत्काल प्रभाव से 20 अक्टूबर 2022 को जारी किया गया आदेश वापस लिया जाता है। इससे पहले विपक्ष के नेता सिद्धारमैया न भाजपा सरकार पर इस फैसले को लेकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक की भाजपा सरकार स्कूल के गरीब छात्रों को परेशान कर रही है। सरकार के विभाग छात्रों से भी 40 फीसदी कमीशन ले रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार छात्रों को खाना, दूध, यूनीफॉर्म, जूते और हॉस्टल की सुविधा बिना किसी शुल्क के देती थी। यह भाजपा की सरकार है जो कि छात्रों का पैसा भी ले लेना चाहती है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार चलाने के लायक ही नहीं बची है।

उन्होंने कहा, स्कूल चलाने के लिए पैसे भी पैरंट्स से ही लेने पड़ रहे हैं। इसका मतलब है कि भाजपा सरकार चलाने में सक्षम नहीं है। जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने भी सरकार की आलोचना की और कहा कि बच्चों के माता पिता से पैसा इक_ा करना ठीक नहीं है। यह सरकार दिवालिया हो चुकी है इसीलिए बेशर्मी से पैसा मांग रही है।

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