Twist in Congress President's election, apart from Shashi Tharoor, Treasurer Bansal also took nomination forms

नई दिल्ली 27 Sep. (RnsFJ): कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए जहां एक तरफ शशि थरूर ने नामांकन पत्र लिया है तो वहीं अब पार्टी कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने भी सोमवार शाम फॉर्म लिए हैं, हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह फॉर्म उन्होंने अपने लिए लिए हैं या अपने किसी समर्थक के लिए है। केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री सोनिया गांधी संग बैठक की और संगठन चुनाव को लेकर विस्तृत चर्चा की और अभी तक किन-किन लोगों ने फॉर्म लिए हैं, इसकी भी जानकारी उन्होंने दी।

10 जनपथ में बैठक खत्म होने के बाद मधुसूदन मिस्त्री ने बताया, संगठन चुनाव को लेकर सोनिया गांधी को हमने जानकारी दी है और मतदाता पहचान पत्र भी तैयार कराएं हैं वह भी उन्हें सौंपे हैं। वहीं अब तक कांग्रेस नेता शशि थरूर के यहां से उनका अधिकृत व्यक्ति फॉर्म लेकर गए हैं और दूसरा फॉर्म पवन बंसल बतौर समर्थक लेकर गए, हालांकि उन्होंने खुद के लिए यह फॉर्म नहीं लिया है।

पवन बंसल दो फॉर्म लेकर गए हैं, मैं स्पष्ट भी नहीं हूं, किसके लिए लेकर गए हैं। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए अब तक शशि थरूर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा था। हालांकि राजस्थान मैं चले सियासी घमासान के बीच अशोक गहलोत का नाम कहीं न कहीं पिछड़ता जा रहा है, लेकिन पार्टी की तरफ से शशि थरूर के सामने अब कौन अध्यक्ष का चुनाव लड़ेगा इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है।

***************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *