नई दिल्ली ,27 सितंबर (एजेंसी) । पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के नवनिर्वाचित तकनीकी समिति के सदस्य अरुण मल्होत्रा का मानना है कि मौजूदा भारतीय राष्ट्रीय टीम में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने की क्षमता है।
ठीक उसी तरह जैसे 20 साल पहले 2002 में वियतनाम के खिलाफ एलजी कप फाइनल में उन्होंने और उनके साथियों ने किया। मल्होत्रा ने कहा, फुटबॉल में आपको शांत रहने के साथ धर्य रखना पड़ता है।हमारे खिलाडिय़ों में वियतनाम को हराकर एक बार फिर इतिहास बनाने की क्षमता और प्रतिभा है।
जम्मू-कश्मीर से प्रसिद्धि पाने वाले मल्होत्रा ने कहा, आजकल, भारतीय खिलाड़ी अधिक जागरूक हैं और खेल के प्रति पेशेवर दृष्टिकोण रखते हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारी टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी और अगले मैच में वियतनाम के खिलाफ जीत हासिल करेगी।
मल्होत्रा एलजी कप 2002 में विजेता टीम का हिस्सा थे और उन्होंने यादें साझा कीं है कि कैसे उन्होंने और उनके साथियों ने हो ची मिन्ह सिटी में मेजबान वियतनाम के खिलाफ फाइनल में समीकरण बदल दिया।
उन्होंने कहा, मैं अपने साथियों पर पुरानी यादों के साथ-साथ गर्व महसूस कर रहा हूं कि कैसे हमने एक ऐतिहासिक जीत में एक करीबी हार को बदल दिया।
फाइनल में, हम पहले हाफ में वियतनाम के खिलाफ दो गोल पीछे चल रहे थे, लेकिन हमारे कोच स्टीफन कॉन्सटेंटाइन ने कुछ कहा, इसके बाद हाफ टाइम के बाद हमारा खेलने का तरीका बदल गया।
मल्होत्रा ने याद करते हुए कहा, वह टूर्नामेंट अब इतिहास है। अब आपने इतिहास को बदलने के लिए दूसरे हाफ में अपनी सारी ऊर्जा और बुद्धि एक साथ लगा दी।
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