Fencer Bhavani Devi will try for gold medal for the third time in National Games

गांधीनगर ,27 सितंबर (एजेंसी) । ओलंपियन भवानी देवी यहां गुजरात में 36वें नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी करने के लिए फ्रांस से पूरी यात्रा करने के लिए तैयार हैं।

2015 में पिछले खेलों के बाद से लंबे अंतराल का जिक्र करते हुए, उन्होंने राष्ट्रीय मीडिया के साथ एक बातचीत के दौरान कहा, मैंने नेशनल गेम्स में अपना तीसरा स्वर्ण पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत की है।

उन्होंने आगे कहा, तीन महीने पहले जब मैंने सुना कि गुजरात ने खेलों की मेजबानी के लिए कदम रखा है तो मैं रोमांचित हो गई।

चैंपियन फेंसर ने अपने कारनामों से देश में अकेले ही खेल को लोकप्रिय बनाया है और वह अब गांधीनगर में 30 सितंबर से शुरू होने वाली प्रतियोगिता का और इंतजार नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा, नेशनल गेम्स मेरे लिए एक बहुत ही खास प्रतियोगिता है। मैं इसका इंतजार कर रही हूं। इससे भी ज्यादा यह गुजरात में मेरा पहला कार्यक्रम होगा।

उन्होंने आगे कहा, मुझे लगता है कि पिछले सात वर्षों में भारतीय तलवारबाजी ने एक लंबा सफर तय किया है। इस बार प्रतियोगिता अलग होगी और मैं फिर से अच्छा प्रदर्शन करना चाहती हूं।

फरवरी 2015 में वापस, भवानी देवी ने कोच्चि उपनगर, नेदुंबस्सेरी में महिला कृपाण फाइनल में पंजाब की कोमलप्रीत शुक्ला को हराया।

इससे पहले, 2011 में रांची में, उन्होंने केरल टीम की अपनी साथी रीथा पुथुसेरी को हराकर अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था।

वह पिछले दो नेशनल गेम्स में विजेता केरल टीमों का हिस्सा थीं, क्योंकि वह थालास्सेरी में साई केंद्र में प्रशिक्षण ले रही थीं।

*************************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *