*करगिल युद्ध में दुश्मन को चटाई थी धूल*
नई दिल्ली 20 Sep. (Rns/FJ): 32 सालों के शानदार और गौरवपूर्ण सफर के बाद आईएनएस अजय रिटायर हो गया। इस युद्धपोत ने देश के लिए 32 साल तक अपनी सेवाएं दी। सोमवार को इसको सेवामुक्त कर दिया गया। इतने लंबे समय तक इंडियन नेवी का हिस्सा होने के कारण जब इसको रिटायर किया गया तो वो पल बेहद भावुक करने वाला था। आईएनएस अजय को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी गई। आईएनएस अजय ने करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान को धूल चटाई थी।
विदाई समारोह पारंपरिक तरीके से मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में आयोजित किया गया था जिसमें राष्ट्रीय ध्वज, नौसैनिक पताका और जहाज के डिमोशनिंग पेनेंट को आखिरी बार सूर्यास्त के समय उतारा गया था। भारतीय नौसेना के इस पोत P34 का नाम आईएनएस अजय नाम दिया गया था। लंबी दूरी के टॉरपीडो और पनडुब्बी रोधी रॉकेटों जैसे हथियारों से लैस होने के कारण आईएनएस अजय को ‘पनडुब्बी हंटर’ के नाम से भी जाना जाता था।
आईएनएस अजय को 24 जनवरी, 1990 को तत्कालीन यूएसएसआर में पोटी, जॉर्जिया में कमीशन किया गया था। महाराष्ट्र नेवल एरिया के संचालन नियंत्रण के तहत 23 वें पेट्रोल वेसल स्क्वाड्रन का हिस्सा था। जहाज 32 से अधिक वर्षों से सक्रिय नौसैनिक सेवा में था और अपनी शानदार यात्रा के दौरान, उसने कारगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन तलवार और 2001 में ऑपरेशन पराक्रम सहित कई नौसैनिक अभियानों में भाग लिया।
अजय के विदाई समारोह में वाइस एडमिरल अजेंद्र बहादुर सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान समारोह के मुख्य अतिथि थे। जहाज के पहले कमांडिंग ऑफिसर वाइस एडमिरल एजी थपलियाल एवीएसएम बार (सेवानिवृत्त) विशिष्ट अतिथि थे। इस समारोह में 400 से अधिक कर्मियों ने भाग लिया जिनमें फ्लैग ऑफिसर, सेना, आईएएफ और सीजी के वरिष्ठ अधिकारी, कमीशनिंग क्रू के अधिकारी, पिछले कमीशन के चालक दल के साथ-साथ जहाजों के चालक दल और परिवार मौजूद थे
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