*सीमा पर जवानों की रक्षा करती हैं तनोट माता*
नई दिल्ली/जैसलमेर 10 Sep.(Rns/FJ) । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी राजस्थान यात्रा के दूसरे दिन आज जैसलमेर में सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत श्री तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का शिलान्यास और भूमिपूजन किया। इस मौके पर अमित शाह ने जैसलमेर में तनोट विजय स्तंभ पर सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले बलिदानियों को नमन कर श्रद्धांजलि भी दी।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने जैसलमेर में सीमा पर्यटन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 17.67 करोड़ रूपए की श्री तनोट मंदिर कॉम्प्लेक्स परियोजना का शिलान्यास किया, जिससे यहाँ आने वाले युवा तनोट माता मंदिर के दर्शन करने के साथ ही देश के बहादुर सैनिकों के शौर्य व बलिदान के इतिहास को भी करीब से जान पाएंगे। इस परियोजना के तहत प्रतीक्षालय, रंगभूमि, इंटप्रेटेशन केंद्र, बच्चों के लिए कक्ष एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिय अन्य जरूरी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
अमित शाह ने इस मौके पर तनोट माता के दर्शन कर देश व देशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। जैसलमेर के ऐतिहासिक श्री मातेश्वरी तनोट राय मंदिर का अद्भुत इतिहास है और ऐसी मान्यता है कि तनोट माँ जवानों को दुश्मनों से लड़ने की शक्ति देती हैं और युद्ध में देश की रक्षा करती हैं।
गौरतलब है कि 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में श्री तनोट राय माता मंदिर परिसर में पकिस्तान द्वारा कई बम के गोले गिराए गये थे, लेकिन तनोट माता के चमत्कार से कोई भी गोला नहीं फटा था। वर्ष 1965 से सीमा सुरक्षा बल इस मन्दिर की पूजा अर्चना एवं व्यवस्था का कार्यभार संभाल रहा है। सीमा सुरक्षा बल इस मन्दिर को एक ट्रस्ट के माध्यम से संचालित करता है एवं प्रतिदिन सुबह-शाम माता की आरती एवं भजन संध्या का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों की तादाद में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुगण आते हैं।
इतिहास गवाह है कि 1971 के भारत-पाकिस्तान लोंगेवाला युद्ध के दौरान सीमा सुरक्षा बल के बहादुर जवानों ने लोंगेवाला पोस्ट पर अहम एवं निर्णायक भूमिका अदा की थी।
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