New India is marching ahead by calling for Jai Vigyan, Jai Anusandhan PM Modi

अहमदाबाद 10 Sep. (Rns/FJ): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अहमदाबाद में साइंस सिटी में आयोजित दो दिवसीय केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन किया और कहा कि आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।

मोदी ने इस अवसर पर सभा को भी संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी के भारत के विकास में विज्ञान उस ऊर्जा की तरह है जिसमें हर क्षेत्र के विकास को हर राज्य के विकास को गति देने का सामर्थ्य है।

आज जब भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की तरफ बढ़ रहा है तो उसमें भारत की साइंस और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों की भूमिका बहुत अहम है।

समाधान का, सॉल्यूशन का, इवोलूशन का और इनोवेशन का आधार विज्ञान ही है। इसी प्रेरणा से आज का नया भारत, जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के साथ ही जय अनुसंधान का आह्वान करते हुए आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर हम पिछली शताब्दी के शुरुआती दशकों को याद करें तो पाते हैं कि दुनिया में किस तरह तबाही और त्रासदी का दौर चल रहा था।

लेकिन उस दौर में भी बात चाहे ईस्ट की हो या वेस्ट की हर जगह के साइंटिस्ट अपनी महान खोज में लगे हुए थे। पश्चिम में आइन्स्टाइन, फर्मी, मैक्स प्लांक, नील्स बोर, टेस्ला जैसे साइंटिस्ट अपने प्रयोगों से दुनिया को चौंका रहे थे।

उसी दौर में सी वी रमन, जगदीश चंद्र बोस, सत्येंद्रनाथ बोस, मेघनाद साहा, एस चंद्रशेखर समेत कई वैज्ञानिक अपनी नई-नई खोज सामने ला रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करते हैं तो साइंस हमारे समाज का हिस्सा बन जाती है वो पार्ट ऑफ कल्चर बन जाती है।

इसलिए आज सबसे पहला आग्रह मेरा यही है कि हम अपने देश के वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को जमकर सेलिब्रेट करें। हमारी सरकार साइंस बेस्ड डेवलपमेंट की सोच के साथ काम कर रही है।

2014 के बाद से साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट में काफी वृद्धि की गई है। सरकार के प्रयासों से आज भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 46वें स्थान पर है जबकि 2015 में भारत 81 नंबर पर था।

उन्होंने कहा कि इस अमृतकाल में भारत को रिसर्च और इनोवेशन का ग्लोबल सेंटर बनाने के लिए हमें एक साथ अनेक मोर्चों पर काम करना है।

अपनी साइंस और टेक्नॉलॉजी से जुड़ी रिसर्च को हमें लोकल स्तर पर लेकर जाना है। इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकारों को ज्यादा से ज्यादा वैज्ञानिक संस्थानों के निर्माण पर और प्रक्रियाओं को सरल करने पर बल देना चाहिए।

राज्यों में जो उच्च शिक्षा के संस्थान हैं उनमें इनोवेशन लैब्स की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। राज्यों में राष्ट्रीय स्तर के अनेक वैज्ञानिक संस्थान होते हैं, नेशनल लेबोरेटरीज भी होती हैं।

इनके सामर्थ्य का लाभ, इनकी एक्सपर्टाइज का पूरा लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए। हमें अपने साइंस से जुड़े संस्थानों को सिलोस की स्थिति से भी बाहर निकालना होगा।

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