नई दिल्ली 5 सितंबर ( आरएनएस/FJ) । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात के दौरे पर कहा कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकर्ता और गांव के कोने-कोने से आए हैं इसका यह मतलब है कि गुजरात के स्वर बूथ से आए बब्बर शेर एक बब्बर शेर की विचारधारा से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं ।
राहुल गांधी ने कहा कि ये आम बब्बर शेर नहीं है कि किसी भी चीज के लिए लड़ते है, ये विचारधारा की लड़ाई लड़ते हैं और मैं जानता हूँ कि यहाँ गुजरात में 25 साल से आप क्या सह रहे हो, मैं समझता हूँ। कांग्रेस और बीजेपी के बीच में नहीं है। सबसे पहले आपको समझना होगा कि आप किस चीज के खिलाफ लड़ रहे हो, किसके खिलाफ लड़ रहे हैं।
सरदार पटेल की बीजेपी ने मूर्ति बनाई, सरदार पटेल की दुनिया में सबसे बड़ी मूर्ति बीजेपी नरेन्द्र मोदी और आरएसएस के लोगों ने बनाई, सही है? सरदार पटेल थे क्या? उन्होंने अपनी जिंदगी किन लोगों के लिए दी, वो किससे लड़े और क्यों लड़े? सबसे पहले सरदार पटेल सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, आपने उनके शरीर की मूर्ति बनाई, मगर वो सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, वो गुजरात और हिंदुस्तान के किसानों की आवाज थे।
मतलब जो भी उनके मुंह से निकलता था वो गुजरात और हिंदुस्तान के किसान के हित के लिए निकलता था। अगर आप सरदार पटेल जी को पढ़ोगे, उनके भाषण सुनोगे, उन भाषणों में किसानों के खिलाफ उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में एक शब्द नहीं कहा।
सरदार पटेल जी ने गुजरात के जो इंस्टीट्यूशन थे, लोकतांत्रिक इंस्टीट्यूशन, संस्थाएं, उनको खड़ा किया। सरदार पटेल जी के बिना अमूल पैदा नहीं हो सकता था। तो बीजेपी एक तरफ सरदार पटेल की मूर्ति तैयार करती है। राहुल गांधी ने कहा कि मैंने आपसे पहले कहा आप लड़ किसके खिलाफ रहे हैं?
आमतौर से लोकतंत्र में राजनैतिक पार्टियों के बीच में लड़ाई होती है। कांग्रेस और बीजेपी पार्टी के बीच में होती है और जो प्रदेश के, देश के जो इंस्टीट्यूशन होते हैं, संस्थाएं होती हैं, आमतौर से ये न्यूट्रल रहती हैं, ये अम्पायर का काम करती हैं, चाहे वो पुलिस हो, इलेक्शन कमीशन हो, मीडिया हो, बाकी जो इंस्टीट्यूशन होते हैं, संस्थाएं होती हैं, ये अम्पायर का काम करती हैं, मगर गुजरात में जिन संस्थाओं को सरदार पटेल जी ने बनाया, जिन संस्थाओं की नींव सरदार पटेल जी ने रखी थी, चाहे वो पुलिस हो, चाहे वो मीडिया हो, चाहे वो जुडिशियरी हो, चाहे वो विधानसभा हो, इन सब संस्थाओं को बीजेपी ने कैप्चर कर लिया है, कंट्रोल कर रखा है।
गुजरात ड्रग्स का सेंटर बन गया है और सारे के सारे ड्रग्स इसी मुंद्रा पोर्ट से निकल रहे हैं, मगर आपकी सरकार यहाँ पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। मैं आपसे पूछना चाहता हूँ, कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, क्या कारण है? क्या कारण है कि हर 2-3 महीने में, मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स मिलते हैं, जो गुजरात के युवाओं के भविष्य को नष्ट कर रहे हैं।बिजली के रेट गुजरात में हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा हैं, नेक्सेस हैं। वही 2-3 कंपनियाँ हैं, वही नाम हैं, आपकी जेब में से पैसा निकलता है, सीधी उन्हीं 2-3 उद्योगपतियों की जेब में जाता है और ये आप सालों से देख रहे हो।
लोकतंत्र पर आक्रमण गुजरात की जनता पर आक्रमण, कोई कुछ बोल नहीं सकता गुजरात में। गुजरात एक स्टेट है, जहाँ पर आंदोलन के लिए परमिशन लेनी पड़ती है। जिसके खिलाफ आप आंदोलन करोगे, उसी से परमिशन लेनी पड़ेगी, आंदोलन करने से पहले, ये है गुजरात।
पूरे हिंदुस्तान को, अगर हिंदुस्तान के किसी भी व्यक्ति को व्यापार समझना हो, बिजनेस समझना हो, तो गुजरात उसको सिखा सकता है। आप सबसे आगे हो, मगर आपकी स्ट्रेंथ क्या थी? आपकी कॉम्पटीटिव एडवांटेज क्या थी, बड़े अरबपति नहीं, स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री आपकी स्ट्रेंथ थी।
जो छोटे व्यापारी होते हैं, मिडिल साइज व्यापारी होते हैं, वो आपकी स्ट्रेंथ थी। आप मुझे बताइए, वो जो आपकी स्ट्रेंथ थी, उसका क्या हुआ? क्या गुजरात की सरकार, जो छोटे व्यापारी होते हैं, जो स्मॉल एंड मीडियम बिजनेसेज होते हैं, क्या उनकी मदद करती है? नोटबंदी से जो छोटे व्यापारी हैं, मिडिल साइज व्यापारी हैं, उनको फायदा हुआ? आप किसी भी दुकानदार से पूछ लीजिए, आपको बताएंगे, सब के सब बताएंगे कि नोटबंदी ने हमें नष्ट कर दिया, गलत जीएसटी लागू की, वही सवाल आप फिर से पूछिए, किसी भी दुकानदार से पूछिए, जीएसटी से आपको फायदा है या नुकसान, वो आपको बताएगा, नुकसान, नुकसान, नुकसान।
तो अगर किसानों को फायदा नहीं, मजदूरों को फायदा नहीं, छोटे व्यापारियों को फायदा नहीं, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस को फायदा नहीं, तो फायदा किसको? फायदा किसको- वही 3-4-5 बड़े उद्योगपतियों को। पूरा का पूरा गुजरात, आपका पूरा का पूरा प्रदेश उन्हीं 4-5 लोगों के हवाले कर दिया है।
एयरपोर्ट हो, पोर्ट हो, इंफ्रास्ट्रक्चर हो, टेलिकॉम हो, कुछ भी हो उन 5 पांचो के पांचो के पास, पूरा का पूरा उनके हवाले कर दिया है,ये आपकी सच्चाई है।
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