8 new industrial sectors to be developed in Greater Noida

*1 लाख रोजगार के अवसर बनने की उम्मीद*

नोएडा 03 Sep. (Rns/FJ): ग्रेटर नोएडा में जल्दी विकसित किए जाएंगे 8 नए औद्योगिक सेक्टर। 900 हेक्टेयर जमीन का लैंड बैंक सेक्टर के लिए बनाएगा ग्रेनो प्राधिकरण। देश-विदेश की कई कंपनियां इस समय ग्रेटर नोएडा में इन्वेस्ट करने को इच्छुक हैं और उनकी इस बढ़ती मांग को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 89 औद्योगिक सेक्टर विकसित करेगा, जिसके लिए 900 हेक्टेयर लैंड बैंक तैयार किया जाएगा। इससे प्राधिकरण को न सिर्फ करोड़ों रुपये का लाभ होगा, बल्कि 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की भी उम्मीद है। प्राधिकरण 19 गांवों में जमीन खरीदने के लिए शिविर लगाएगा। अलग-अलग गांव में अलग-अलग तारीख को शिविर लगाए जाएंगे, ताकि गांव वालों से उनकी जमीन के बारे में बात की जा सके और उन्हें उचित मुआवजा देकर प्राधिकरण उनकी जमीन अधिग्रहण कर सके।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मंडलायुक्त मेरठ सुरेंद्र सिंह ने बताया है कि देश के अलावा विदेशी कंपनियां भी ग्रेनो में निवेश करने की बहुत ज्यादा इच्छुक हैं। इसीलिए यहां पर 8 औद्योगिक सेक्टरों को बसाने और उनके विकास की योजना बनाई गई है। अगर सेक्टरों की बात करें तो ईकोटेक साथ में 109 हेक्टेयर, ईकोटेक 8 में 161 हेक्टेयर, ईकोटेक 9 में 170 हेक्टेयर, ईकोटेक 12 में 191 हेक्टेयर, ईकोटेक 16 में 45 हेक्टेयर, ईकोटेक 19 में 60 हेक्टेयर, ईकोटेक 19 ए में 80 हेक्टेयर, ईकोटेक 21 में 83 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

***********************************

इसे भी पढ़ें : आबादी पर राजनीति मत कीजिए

इसे भी पढ़ें : भारत में ‘पुलिस राज’ कब खत्म होगा?

इसे भी पढ़ें : प्लास्टिक मुक्त भारत कैसे हो

इसे भी पढ़ें : इलायची की चाय पीने से मिलते हैं ये स्वास्थ्य लाभ

तपती धरती का जिम्मेदार कौन?

मिलावटखोरों को सजा-ए-मौत ही इसका इसका सही जवाब

जल शक्ति अभियान ने प्रत्येक को जल संरक्षण से जोड़ दिया है

इसे भी पढ़ें : भारत और उसके पड़ौसी देश

इसे भी पढ़ें : चुनावी मुद्दा नहीं बनता नदियों का जीना-मरना

इसे भी पढ़ें : *मैरिटल रेप या वैवाहिक दुष्कर्म के सवाल पर अदालत में..

इसे भी पढ़ें : अनोखी आकृतियों से गहराया ब्रह्मांड का रहस्य

इसे भी पढ़ें : आर्द्रभूमि का संरक्षण, गंगा का कायाकल्प

इसे भी पढ़ें : गुणवत्ता की मुफ्त शिक्षा का वादा करें दल

इसे भी पढ़ें : अदालत का सुझाव स्थाई व्यवस्था बने

इसे भी पढ़ें : भारत की जवाबी परमाणु नीति के

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *