33 crore fraud from State Bank branch, CBI registered a case

शिमला ,23 जनवरी (Final Justice Digital News Desk/एजेंसी)।  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हैदराबाद की एक निजी कंपनी के दो निदेशकों समेत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ बैंक के साथ 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज दर्ज किया है।

भारतीय स्टेट बैंक की बद्दी शाखा के सहायक महाप्रबंधक की शिकायत पर सीबीआई ने एंटी करप्शन ब्यूरो, शिमला में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। आरोप है कि कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संधरपल्ले वेंकटैया, निदेशक गुड़लुरु मस्तान ने अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर बैंक से धोखा किया।

आरोप है कि पहले से गिरवी रखी संपत्तियों को बैंक की बिना सहमति से निपटाने और हटाने का प्रयास किया। बिक्री व पट्टे की राशि का अपने उद्देश्यों के लिए उपयोग किया और उसे उधार देने वाले बैंक (एसबीआई) के पास जमा नहीं किया। ऐसे में सरकारी खजाने को 33 करोड़ का नुकसान पहुंचाते हुए खुद को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया। कंपनी के प्लांट और फैक्टरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में है और मुख्यालय हैदराबाद में है।

सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो शिमला ने देवांग सेल्स कॉर्पोरेशन के दो साझेदारों के साथ ही अज्ञात लोक सेवकों और अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। आरोप है कि आपसी मिलीभगत कर आरोपियों ने पंजाब नेशनल बैंक परमाणू से नकद ऋण सुविधा प्राप्त कर बैंक के साथ 3.34 करोड़ की धोखाधड़ी की है। कंपनी का पंजीकृत कार्यालय राजस्थान में है। इकाई सिरमौर के कालाअंब में है। यह केस बैंक के मुख्य प्रबंधक कपिल मट्टा की शिकायत पर दर्ज किया गया है।

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