30 lakh compensation to the family of Telangana medico who committed suicide

हैदराबाद 27 Feb, (एजेंसी): अपने वरिष्ठ द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण आत्महत्या करने वाले मेडिकल पीजी के छात्र के परिजनों को तेलंगाना सरकार ने 10 लाख रुपये के मुआवजे व राज्य के एक मंत्री ने 20 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा देने की घोषणा की।

तेलंगाना के वारंगल शहर के काकतीय मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली धारावती प्रीति ने कथित तौर पर घातक इंजेक्शन लेने के पांच दिन बाद रविवार रात हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में दम तोड़ दिया।

इससे निम्स में तनाव व्याप्त हो गया। पीड़ित परिवार ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए गांधी अस्पताल में ले जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। बाद में सरकार के आश्वासन के बाद परिजन मान गए।

पीड़िता के पिता डी. नरेंद्र ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने 10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की थी, जबकि राज्य के पंचायत राज मंत्री ई. दयाकर राव ने 20 लाख रुपये देने का वादा किया था।

नरेंद्र ने कहा कि मंत्री ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि परिवार के एक सदस्य को पंचायत राज विभाग में सरकारी नौकरी दी जाएगी।

दयाकर राव ने कथित तौर पर परिवार को आश्वासन दिया कि मामले की जांच एक वर्तमान न्यायाधीश द्वारा की जाएगी।

कुछ विपक्षी दलों के नेताओं और छात्र समूहों ने शव को गांधी अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस को रोकने की कोशिश की।

वे पार्थिव शरीर को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास प्रगति भवन ले जाना चाहते थे।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

बाद में शव को गांधी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया और शव परीक्षण के बाद परिवार को सौंप दिया गया।

प्रीति के शव को बाद में उनके पैतृक गांव जनगांव जिले में ले जाया गया, जहां सोमवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

वारंगल पुलिस ने 24 फरवरी को प्रीति के सीनियर एनेस्थीसिया विभाग में द्वितीय वर्ष के छात्र एम. ए. सैफ को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने कहा कि प्रीति का उसके वरिष्ठ द्वारा उत्पीड़न किया गया था, जो उसे आत्महत्या के लिए प्रेरित किया।

वारंगल पुलिस आयुक्त ए.वी. रंगनाथ ने कहा कि अपमानजनक व्यवहार भी रैगिंग के अंतर्गत आता है।

पुलिस के मुताबिक, सैफ एक व्हाट्सएप ग्रुप में उसके बारे में अपमानजनक टिप्पणी कर रहा था।

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