2660 fake companies of their own and defrauded the government of 15 thousand crores, left Mallya and Nirav Modi behind

नोयडा 02 June (एजेंसी): दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जिसने भारत के भगोडे कारोबारियों विजय माल्या और नीरव मोदी को भी पीछे छोड़ दिया है। जी हां.. नोएडा पुलिस ने जीएसटी नंबर सहित 2660 फर्जी कंपनियां बनाने वाले एक गिरोह के महिला समेत 8 लोगों को पकड़ा है। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि ये लोग सरकार को प्रति माह करीब 15000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे थे।

इस गिरोह ने फर्जी कंपनियां बनाकर देशभर में सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया। नोएडा पुलिस ने मामले में सरगना समेत 8 को गिरफ्तार किया है। बता दें कि, विजय माल्या पर 9 हजार करोड़, जबकि नीरव मोदी पर 14 हजार करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का आरोप है।

नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने गुरुवार को बताया कि आरोपी दिल्ली-गाजियाबाद के तीन स्थानों पर ऑफिस खोलकर फर्जीवाड़ा कर रहे थे। आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेजों से तैयार 2600 से अधिक कंपनियों की सूची भी मिली है। पुलिस ने सरगना दीपक मुरजानी, विनीता, अश्वनी, यासीन, आकाश सैनी, राजीव, अतुल और विशाल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

जांच में आठ हजार लोगों के पैन की डिटेल के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस गिरोह ने पांच साल में सरकार को करीब 15 हजार करोड़ का राजस्व नुकसान पहुंचाया है। गिरोह फर्जी कंपनी और फर्जी जीएसटी नंबर के आधार पर जीएसटी रिफंड ले लेता था। मार्च में मिली शिकायत के बाद पुलिस की तीन टीमों ने जांच कर गिरोह का खुलासा किया है।

सेक्टर-20 पुलिस की ओर से पकड़ा गया ठग गिरोह 2660 फर्जी कंपनियों के जरिये देशभर में फर्जीवाड़ा कर रहा था। गिरोह में शामिल आठ आरोपियों से आठ लाख लोगों के पैन कार्ड के ब्योरे समेत फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गाजियाबाद और चंडीगढ़ में छापेमारी की।

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गिरोह में 50 से अधिक लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है, जो देश के अलग-अलग हिस्से में बैठकर आरोपियों के साथ ठगी कर रहे थे। जांच में आरोपियों से 12 लाख 66 हजार रुपये नगद, 32 मोबाइल, चार लैपटॉप, 118 फर्जी आधार कार्ड, तीन कार, फर्जी जीएसटी नंबर के साथ ही अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपी सबसे पहले फर्जी कंपनी और जीएसटी नंबर हासिल करने के लिए निजी वेबसाइट और अन्य आउसोर्सिंग कंपनियों के जरिए लोगों के पैन कार्ड का डाटा हासिल करते थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपी झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को कुछ रुपये का लालच देकर उनके आधार कार्ड में अपने नंबर को रजिस्टर्ड करा देते थे। इस प्रकार से एक ही व्यक्ति से मिलते-जुलते नामों के सैकड़ों लोगों के आधार कार्ड में संशोधन कर फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस काम को गिरोह का सरगना दीपक मुरजानी और उसकी पत्नी विनीता और उनके साथी करते थे। उन्होंने बताया कि इसके बाद इन्हीं दस्तावेजों से फर्जी कंपानियां और उनकी जीएसटी नंबर हासिल करते लेते थे, जिसको आरोपी उसके साथ शामिल किए गए चार्टर्ड अकाउंटेंट को बेच देते थे।

पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गिरोह के सरगना दीपक मुरजानी द्वारा तैयार की गई फर्जी कंपनी और जीएसटी नंबर को गिरोह में शामिल 12 सीए हासिल कर लेते थे। इसके बाद वे पूरे देश में फैले उनके क्लाइंट को कम दरों में जीएसटी इनपुट क्रेडिट रिफंड और ब्लैक मनी को व्हाइट कराने के लुभावने ऑफर देते थे। वे सरकार से लाखों रुपये का इनपुट क्रेडिट का रिफंड भी अलग-अलग तरीके से ले लिया करते थे। गिरोह के सीए इन कंपनियों का जीएसटी बिल भी बेच देते थे।

लक्ष्मी सिंह, (पुलिस कमिश्नर, गौतमबुद्ध नगर) ने कहा, ”फर्जी कंपनी बनाकर सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह का खुलासा किया गया है। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी है। मामले की जांच के लिए जीएसटी विभाग के साथ ही अन्य एजेसियों को भी सूचित किया है।”

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