उदयपुर 03 Jan, (एजेंसी) । सरकारी नौकरी नहीं मिलने के बाद कुछ युवकों ने जल्द अमीर बनने के लिए एक गिरोह बनाया और ऑनलाइन गर्लफ्रेंड उपलब्ध कराने के नाम पर लोगों को ठगना शुरू कर दिया। इसके लिए बाकायदा इन युवकों ने ओटीटी प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया और मेम्बरशिप देना शुरू कर दिया। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर लोगों को झांसे में लेना शुरू कर दिया। उदयपुर पुलिस ने ऐसे पांच युवकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है।
मिली जानकार के अनुसार हेलो एप तथा इंस्टाग्राम पर यूजर्स के जरिए वह युवाओं को फंसाने का काम करने लगे। पकड़े गए आरोपियों में आगरा निवासी भानुप्रताप सिंह(27), सत्यम सिंह (28), करौली निवासी राहुल व्यास(26), छतरपुर निवास अमूल अहिरवार(24) और आगरा का ही मोहित(26) शामिल हैं। ये लोग पहले झांसे में आने वाले युवकों को अश्लील फोटो भेजते हैं तथा उन्हें मेम्बरशिप लेने के लिए कहते। जैसे ही यूजर रुपए ट्रांसफर करता, वे उस व्यक्ति को ब्लॉक कर देते।
डेढ़ महीने में 200 ठगे
पुलिस ने बताया कि डेढ़ महीने में इन पांच आरोपियों ने दो सौ लोगों से लाखों रुपए ठग लिए। बदनामी के डर से कोई भी पीड़ित सामने नहीं आया और ना ही मामला दर्ज कराया। जब पुलिस को इस तरह की ठगी का पता चला तो गोवर्धनविलास थाना पुलिस ने बा्ेगस ग्राहक बनाकर इन पांच आरोपियों को बीडीओ कॉलोनी में किराए के मकान से पकड़ा था। सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
परीक्षा में फैल होने पर ठगी की दुनिया अख्तियार की
पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने बताया कि पांचों आरोपियों की मुलाकात कॉम्पीटिशन एक्जाम के दौरान हुई थी। ठगी का गिरोह बनाने से पहले बैंक पीओ, एसएससी सहित कई सरकारी कर्मचारियों की भर्ती की परीक्षा दे चुके थे,किन्तु वह असफल रहे और उन्होंने ठगी करना शुरू कर दिया। बताया गया कि इस गिरोह का मुख्य सरगना सत्यम सिंह ही है। जिसने इन सभी युवाओं को अपने साथ जोड़ा। डेढ़ महीने पहले उसी ने बलीचा में किराए का मकान लिया था और यहीं से वह फोन से चेटिंग करते तथ लोगों को ठगी का शिकार बनाते।
भेजते थे फर्जी स्क्रीनशॉट
पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया कि ये आरोपी इंस्टाग्राम तथा हेलो ऐप पर एक लिंक डालते थे। जो सीधे ही व्हाट्स एप चेट या इंस्टा चेट से लिंक होता था। इसमें जो भी यूजर उनके संपर्क आते और उनके लिंक को क्लिक करते तो चैट बॉक्स ओपन हो जाता। जिसमें हाय का मैसेज आते ही सोशल मीडिया यूजर को छह महीने का मेम्बरशिप लेने को कहा जाता। जिसमें उन्हें कहा जाता था कि छह महीने की मेम्बरशिप लेने पर चैट करने को मिलेगा। इसके लिए वह यूजर को फर्जी चैट का स्क्रीन शॉट भेजते थे। ताकि सामने वाले को यकीन हो जाए कि वास्तव में कोई असली डेटिंग साइट है। जिसमेसं युवक—युवतियों के चेट के स्क्रीन शॉट होते थे। ये लोग फ्रेंडशिप होने पर पीड़ितों को कमाई का लालच भी देते थे।
युवतियों को भी फांसते थे
पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपी मेल यूजर्स ही नहीं, बल्कि फीमेल यूजर्स को भी ठगते थे। आरोपियों ने इंस्टाग्राम पर डेटिंग ऐप के विज्ञापन जारी कर रखे थे। इसमें लड़कियों को आॅनलाइन बॉयफ्रेंड तथा लड़कों को आॅनलाइन गर्लफ्रेंड बनाने का झांसा दिया जाता था। जैसे ही यूजर्स इनके खाते में रुपए जमा कराते, वह उसे ब्लॉक कर देते थे।
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