नई दिल्ली 24 March, (एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट 14 राजनीतिक दलों की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गया है। विपक्षी राजनीति पार्टियों ने इस याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। शीर्ष न्यायलय मामले में 5 अप्रैल को सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। हाल ही में करीब 8 दलों के 9 नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इससे जुड़ा पत्र भी दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले दलों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड, भारत राष्ट्र समिति, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, डीएमके और शिवसेना का नाम भी शामिल है।
इन दलों ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए हैं। साथ ही मामलों में गिरफ्तारियों को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की है। राजनीतिक दलों के मामले पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने 5 अप्रैल की तारीख तय की है।
दलों का कहना है कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां केवल भाजपा के विरोधियों को ही निशाना बना रही हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि अगर नेता भाजपा में शामिल हो जाता है, तो उसके खिलाफ जारी मामले खत्म कर दिए जाते हैं। वहीं, भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती हैं।
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सभी पार्टियों को इस मामले में साथ लाने में आप प्रमुख केजरीवाल ने बड़ी भूमिका निभाई है। वहीं, पीएम मोदी के नाम लिखे पत्र का मुख्य सूत्रधार तेलंगाना सीएम केसीआर को माना जा रहा था।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भी 8 दल एकजुट हुए थे। उस दौरान पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों का मुद्दा उठाया गया था। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, पंजाब सीएम भगवंत मान, दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का नाम शामिल है।
खास बात है कि कांग्रेस ने उस दौरान इस पत्र से दूरी बना ली थी। दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच के चलते ईडी और सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
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