10 thousand e-buses will run in the country, 100 cities with 3 lakh population will be selected

नई दिल्ली,16 अगस्त (एजेंसी)। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रदूषण रहित सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए 57 हजार 613 करोड़ रूपये की प्रधानमंत्री ई बस सेवा को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 10 हजार ई बसें चलाई जाएंगी। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (क्कक्कक्क) मॉडल पर बसों का संचालन होगा।

यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगीसूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि इस हरित परिवहन सेवा के लिए मंजूर 57 हजार 613 करोड़ रूपये की कुल राशि में से 20 हजार करोड़ रूपये की राशि केन्द्र सरकार तथा शेष राशि राज्य सरकार वहन करेंगी। उन्होंने कहा कि इस सेवा के लिए 169 शहरों में से पहले 100 शहरों को चुना जायेगा और इनमें इलेक्ट्रिक बसें चलायी जायेंगी।

ठाकुर ने कहा कि निजी-सार्वजनिक भागीदारी पर आधारित इस योजना के तहत बसों के संचालन के लिए प्रति किलोमीटर की दर से भुगतान किया जायेगा। यह राशि प्रतिस्पर्धी बोली के आधार पर तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि इससे सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदूषण रहित बनेगी। ठाकुर ने बताया कि यह योजना तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों में लागू की जायेगी। इसमें केन्द्र शासित प्रदेशों की राजधानी, पूर्वोत्तर क्षेत्र और पर्वतीय राज्यों के शहरों को शामिल किया जायेगा। ऐसे शहरों को वरीयता दी जायेगी जहां अभी संगठित बस सेवा नहीं है। इस योजना से रोजगार के 45 हजार से 55 हजार प्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे।

उन्होंने कहा कि योजना में दस हजार ई बसें चलायी जायेंगी जिससे राज्यों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली मजबूत होगी और प्रदूषण में कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि ई बस सेवा के लिए मल्टी मॉडल इंटरचेंज सुविधा , स्वचालित किराया प्रणाली और चार्जिंग ढांचागत सुविधा तैयार की जाएगी। ठाकुर ने कहा कि बस ऑपरेटरों को भुगतान राज्य सरकारों द्वारा किया जायेगा जबकि सब्सिडी केन्द्र सरकार देगी।

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