10.01.2023 (एजेंसी) – बीते कुछ दिनों में मौसम ने करवट बदली हैं और कड़ाके की ठण्ड पडऩी शुरू हो गई हैं। ठिठुरने वाली इस सर्दी में सभी रजाई और कंबल से बाहर निकलना भी पसंद नहीं करते हैं। ऐसी सर्दियों में खासतौर से बुजुर्गों और बच्चों का ख्याल रखने की जरूरत होती हैं। सर्दियों में गर्माहट पाने के लिए लोग रूम हीटर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।

लेकिन क्या आप जानते है की इस हीटर से निकलने वाली गर्म हवा आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। जी हां, हीटर के कई साइड इफ़ेक्ट भी हैं जो बढ़ते हुए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको हीटर से होने वाले नुकसान और इसे इस्तेमाल करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताने जा रहे हैं।

आइये जानते हैं…

आंखों में होने लगती हैं खुजली हीटर के लगातार चलने से कमरे में मौजूद हवा में नमी खत्म हो जाती है। इसे त्वचा के साथ आंखों की नमी भी खत्म होने लगती है और आंखों में जलन और खुजली होने लगती है। इसलिए हीटर चलाने पर कमरे में पानी भरकर जरूर रखें अगर आंखों में खजली हो रही है तो उसे मसलने की जगह उसमें पानी के छीटें मारें। मसलने से आंखे लाल भी हो सकती हैं।सांस के मरीजों के लिए घातकरूम हीटर और अंगीठी से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस सांस की नली के जरिये शरीर में पहुंचकर श्वसनतंत्र व अस्थमा के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती है।

ब्रोंकाइटिस और साइनस से जूझ रहे लोगों की एलर्जी रूम हीटर से बढ़ सकती है। ऐसे लोगों को हीटर के पास बैठने पर कफ बनने लगता है। साथ ही छींक और खांसी आने लगती है। इसके अलावा हृदय से जुड़ी बीमारियों का इलाज करा रहे और स्मोकिंग करने वाले लोगों को रूम हीटर चलाकर सोने से कई तरह के खतरे बढ़ जाते हैं।स्किन हो जाती है ड्राई रूम हीटर्स हवा में मौजूद नमी को सोखकर उसे ड्राई बना देते हैं। इसका असर त्वचा पर भी पड़ता है।

हीटर में ज्यादा देर रहने से त्वचा भी ड्राई हो जाती है। इतना ही नहीं ड्राई होने पर त्वचा पर तरह-तरह के इंफैक्शन होते हैं। अगर आपको रूम हीटर चला ही है तो आपको पहले कमरे में एक बाल्टी पानी भर कर रखना चाहिए ताकि कमरे मे नमी बनी रहे। इसके साथ कमरे के खिड़की दरवाजो को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। उन्हें थोड़ा खोल कर रखना चाहिए ताकि बाहर से हवा अंदर आती रहे और वेन्टिलेशन बना रहे।त्वचा पर हो सकती हैं झुर्रियां जाड़े के मौसम हीटर भले ही थोड़ी राहत पहुंचाता है मगर इसे लगातार इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा पर झ़र्रियां पड़ सकती हैं।

दरअसल, हीटर से निकलने वाली गैस त्वचा की क्वालिटी को खराब करती हैं और र्सोंलग टिशूज को खराब कर देती है। ये टिशूज त्वचा के अंदर होते हैं और इनके खराब होने से पिगमेंटेशन की दिक्कत हो जाती है। हीटर का इस्तेमाल कर भी रही हैं तो कुछ देर के लिए ही करें।दम घुटने की समस्या इलेक्ट्रीक हीटर्स रूम में मौजूद हवा की नमी को सोखकर हवा को ड्राई बना देते हैं।

ऐसे में वैसे लोग जो पहले से ही सांस संबंधी किसी तरह की बीमारी से पीडि़त हैं उन्हें सफोकेशन यानी दम घुटने की दिक्कत महसूस होने लगती है। इस परेशानी से बचने के लिए आपको हीटर इस्तेमाल करते वक्त रूम में एक बाल्टी भरकर पानी रखना चाहिए। साथ ही हीटर यूज करते वक्त सभी खिड़की-दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं कर देने चाहिए बल्कि थोड़ा बहुत वेन्टिलेशन जरूर रखना चाहिए।

इन बातों को ध्यान में रखे करें हीटर का इस्तेमाल- अगर आप हीटर खरीद रहे हैं, तो कोशिश करें कि आप ऑयल हीटर खरीदें। इस तरह के हीटर हवा को शुष्क नहीं होने देते हैं।- हमेशा ध्यान रखें कि पूरी रात हीटर जलाकर न सोएं।

आप सोने से एक-दो घंटे पहले इसे जलाकर रूम गर्म कर सकते हैं। लेकिन सोने से पहले इसे ध्यान से बंद कर दें।- जब भी हीटर चलाएं तो उसके आसपास एक बर्तन या कटोरी में पानी भरकर रख दें। इससे हवा में नमी बनी रहेगी और यह रूखेपन से बच सकेगी ।

– हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपनी त्वचा को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज करें, ताकि यह सूखे नहीं। साथ ही आंखों की समस्या होने पर डॉक्टर से मिलें।- अस्थमा या हार्ट संबंधी समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति जितना हो सके कम से कम हीटर का इस्तेमाल करें।

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